सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर एक अच्छी और एक बुरी खबर

दिसंबर की 5.21 फीसद खुदरा महंगाई की दर 16 माह के उच्च स्तर पर पहुंची, नवंबर में IIP 8.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 17 माह में सर्वाधिक है

By Shubham ShankdharEdited By: Publish:Sat, 13 Jan 2018 09:36 AM (IST) Updated:Sat, 13 Jan 2018 09:53 AM (IST)
सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर एक अच्छी और एक बुरी खबर
सरकार के लिए आर्थिक मोर्चे पर एक अच्छी और एक बुरी खबर

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आर्थिक मोर्चे पर सरकार के लिए एक अच्छी और दूसरीचिंताजनक खबर है। नोटबंदी की मार और जीएसटी के क्रियान्वयन में शुरुआती व्यवधान से लड़खड़ाया औद्योगिक क्षेत्र अब पटरी पर आता दिख रहा है। उद्योग जगत की तस्वीर दिखाने वाले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) में चालू वित्त वर्ष में नवंबर में जोरदार उछाल आया है और इसमें 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो बीते 17 माह में सर्वाधिक है। हालांकि चिंताजनक बात यह है कि खुदरा महंगाई दर धीरे-धीरे सिर उठा रही है और यह दिसंबर में बढ़कर 5.21 प्रतिशत हो गई जो बीते 16 माह का उच्चतम स्तर है। ऐसे में सस्ते कर्ज की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के मुताबिक मैन्यूफैक्चरिंग और कैपिटल गुड्स सैक्टर के शानदार प्रदर्शन से आइआइपी में वृद्धि हुई है। इस साल अक्टूबर में आइआइपी की दर दो प्रतिशत जबकि नवंबर 2016 में आइआइपी की दर 5.1 प्रतिशत थी। गौरतलब है कि इससे पहले आइआइपी की उच्चतम दर 8.9 प्रतिशत जून 2016 में थी। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र आइआइपी में 77.63 प्रतिशत योगदान करता है और इस साल नवंबर में इसने 10.2 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है जबकि नवंबर 2016 में यह चार प्रतिशत थी। मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में जिन क्षेत्रों का प्रदर्शन शानदार रहा है उसमें फार्मास्यूटिकल्स, मेडिसिनल केमिकल और बॉटनीकल प्रोडक्ट मैन्यूफैक्चरिंग के सेगमेंट में सबसे तेज 39.5 फीसद की बढ़त हुई। इसके अलावा कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक और ऑप्टिकल उत्पादों और अन्य परिवहन उपकरणों की भी वृद्धि दर अच्छी रही है।

निवेश में वृद्धि के सूचक कैपिटल गुड्स के उत्पादन में चालू वित्त वर्ष के नवंबर में 9.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है जबकि एक साल पहले यह 5.3 प्रतिशत थी। वहीं एफएमसीजी क्षेत्र ने भी बेहतरीन 23.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की है। हालांकि खनन क्षेत्र के उत्पादन में पिछले साल के मुकाबले सुस्ती आई है। पिछले वित्त वर्ष में नवंबर में खनन में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी जबकि इस साल इसमें मात्र 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह बिजली उत्पादन भी पिछले साल के मुकाबले सुस्त पड़ गया है। यही हाल कंज्यूमर ड्यूरेबल्स गुड्स का रहा है और इनकी वृद्धि दर भी पिछले साल नवंबर के मुकाबले कम है।

इधर महंगाई के मोर्चे पर सरकार और रिजर्व बैंक के लिए चुनौती बढ़ती जा रही हैं। दिसंबर 2017 में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.21 प्रतिशत हो गयी है। महंगाई का यह स्तर रिजर्व बैंक के महंगाई नियंत्रित करने के छह प्रतिशत के लक्ष्य के बिल्कुल करीब है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में आरबीआइ महंगाई को नियंत्रित करने के इरादे से ब्याज दरों में कटौती से परहेज कर सकता है। दिसंबर में खुदरा महंगाई दर में वृद्धि खाद्य वस्तुओं, अंडों और सब्जियों के दाम में उछाल के चलते आई है। नवंबर 2017 में खुदरा महंगाई दर 4.88 प्रतिशत तथा दिसंबर 2016 में 3.41 प्रतिशत थी। इससे पूर्व खुदरा महंगाई दर का उच्चतम स्तर जुलाई 2016 में 6.07 प्रतिशत था। 

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