RBI यूनियनों ने 30 नबंबर को सामूहिक अवकाश पर जाने की दी धमकी, वेतन बढ़ोतरी मामले में दखल के लिए RBI गवर्नर को लिखा पत्र

United Forum of Reserve Bank Officers and Employees के द्वारा वेतन वृद्धि में हो रही देरी की विरोध करने के लिए 30 नवंबर को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने की धमकी दी गई है। फोरम ने RBI गवर्नर को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।

By Abhishek PoddarEdited By: Publish:Tue, 16 Nov 2021 09:59 AM (IST) Updated:Tue, 16 Nov 2021 09:59 AM (IST)
RBI यूनियनों ने 30 नबंबर को सामूहिक अवकाश पर जाने की दी धमकी, वेतन बढ़ोतरी मामले में दखल के लिए RBI गवर्नर को लिखा पत्र
United Forum of Reserve Bank Officers and Employees ने सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने की धमकी दी है

नई दिल्ली, पीटीआइ। The United Forum of Reserve Bank Officers and Employees के द्वारा वेतन वृद्धि में हो रही देरी का विरोध करने के लिए 30 नवंबर को सामूहिक तौर पर आकस्मिक अवकाश पर जाने की धमकी दी गई है। फोरम ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास को भी पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। फोरम ने बयान देते हुए यह कहा कि, "हमारे पास पिछले चार साल या उससे अधिक समय से लंबित कर्मचारियों के वेतन संशोधन जैसे अत्यधिक संवेदनशील मामले पर बैंक की बेवजह की लापरवाही का कड़ा विरोध करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। मौजूदा वेतन समझौते के तहत आने वाले सभी कर्मचारी 30 नवंबर को सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाएंगे।"

इस फोरम के तहत चार यूनियन ऑल इंडिया रिजर्व बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (AIRBEA), ऑल इंडिया रिजर्व बैंक वर्कर्स फेडरेशन (AIRBWF), रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन (RBIOA) और ऑल इंडिया रिजर्व बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIRBOA) शामिल हैं। गवर्नर को लिखे पत्र में फोरम ने यह बताया है कि, "कर्मचारियों के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली बैंक और मान्यता प्राप्त संघों तथा महासंघ की वेतन संबंधित बात-चीत जुलाई 2021 के मध्य में शुरू हुई थी, लेकिन इसकी प्रगति धीमी रही है। 27 सितंबर, 2021 को अस्पष्ट कारणों से बातचीत की प्रक्रिया अचानक रुक गई, जब मुंबई में डेरा डाले हुए AIRBEA के प्रतिनिधियों को वापस जाने के लिए कहा गया था और AIRBWF के प्रतिनिधि जो बैंक के बुलाने पर मुंबई जा रहे थे, उनको मुंबई ना आने आने की सलाह दी गई थी।"

इसके साथ ही पत्र में यह भी लिखा गया है कि, "तब से डेढ़ महीने से अधिक समय बीत चुका है। बैंक के कर्मचारी उत्सुकता से वेतन बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। नवंबर 2017 के बाद से वोतन में वृद्धि के समझौते को लागू होने में चार साल से ज्यादा का समय बीत चुका है। बैंक में सभी संवर्गों के कर्मचारियों के लिए बातचीत की प्रक्रिया को एक या दो महीने पहले अंतिम रूप दिया जा सकता था।"

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