RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा व आर्थिक आंकड़ों से बाजार पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा प्रमुख आर्थिक आंकड़े और अंतरराष्ट्रीय रुझान इस सप्ताह देश के शेयर बाजारों पर अहम प्रभाव डालेंगे।

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Mon, 03 Jun 2019 11:16 AM (IST) Updated:Mon, 03 Jun 2019 11:16 AM (IST)
RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा व आर्थिक आंकड़ों से बाजार पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव
RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा व आर्थिक आंकड़ों से बाजार पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा, प्रमुख आर्थिक आंकड़े और अंतरराष्ट्रीय रुझान इस सप्ताह देश के शेयर बाजारों पर अहम प्रभाव डालेंगे। बुधवार को ईद-उल-फित्र के मौके पर बाजार बंद रहेंगे। शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी हुए प्रमुख आर्थिक आंकड़ों पर सोमवार को बाजार में प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी। अमेरिका द्वारा भारत को जीएसपी लाभार्थियों की सूची से बाहर निकालने की घोषणा बाजार में अस्थिरता को बढ़ावा दे सकती है। अमेरिका का फैसला बुधवार से लागू होगा।

शुक्रवार को आए आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-मार्च 2019 तिमाही में देश की विकास दर 5.8 फीसद रही, जो पांच साल का निचला स्तर है। प्रमुख आठ इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स की विकास दर भी अप्रैल में गिरकर 2.6 फीसद पर आ गई। वित्तीय घाटा हालांकि 2018-19 में जीडीपी के 3.4 फीसद लक्ष्य के दायरे में रहा।

विश्लेषकों ने कहा कि इन आंकड़ों पर सोमवार के कारोबार में निवेशकों की प्रतिक्रिया देखने को मिलेगी। लेकिन विकास दर में गिरावट आने से गुरुवार को जारी होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआइ की मुख्य नीतिगत ब्याज दर में कटौती की उम्मीद बढ़ गई है। इससे निवेशकों का मनोबल बढ़ेगा, जो बाजार को सहारा दे सकता है।

शेयरखान के एडवायजरी प्रमुख हेमांग जानी ने कहा कि अंतराष्ट्रीय मोर्चे पर अमेरिका और चीन का ट्रेड वार और कच्चे तेल की कीमत बाजार को प्रभावित कर सकते हैं। सैमको सिक्युरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक और सीईओ जिमीत मोदी ने कहा कि मध्य अवधि में बाजार की दिशा तय करने के लिहाज से यह सप्ताह काफी महत्वपूर्ण है।

इस सप्ताह मैन्यूफैक्चरिंग व सेवा क्षेत्र के लिए पीएमआइ आंकड़े और मई के लिए वाहन कंपनियों की बिक्री के आंकड़े जारी होंगे। सेंट्रम ब्रोकिंग के सीनियर वीपी और रिसर्च (वेल्थ) प्रमुख जगन्नाधम थुनुगुंटला ने कहा कि मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो जाने से इससे संबंधित कयासबाजी खत्म हो गई है, जो बाजार के लिए शुभ है। अब बाजार का ध्यान सुस्त अर्थव्यवस्था को तेज करने के लिए अपनाई जाने वाली आर्थिक नीतियों पर रहेगा।

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