Repo Rate को 6 प्रतिशत के स्तर तक ले जा सकता है RBI, दरों में बढ़ोतरी की रफ्तार हो सकती है धीमी
अर्थशास्त्रियों की मानें तो भारतीय रिजर्व बैंक इस साल रेपो रेट करे बढ़ा कर 6 प्रतिशत के स्तर तक ले जा सकता है। हालांकि रेपो रेट में बढ़ोतरी की रफ्तार थोड़ी घीमी हो सकती है। शुक्रवार को RBI ने रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी
मुंबई, एजेंसी। RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) इस साल के अंत तक रेपो रेट (Repo Rate) में 60 आधार अंकों (Basis Point) की बढ़ोतरी कर सकता है। हालांकि, नीतिगत दरों में वृद्धि की गति थोड़ी धीमी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो रेपो रेट छह प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगी। नोमुरा की अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा कि उन्हें सितंबर में होने वाली एमपीसी की अगली बैठक में 35 आधार अंकों की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इसके बाद दिसंबर में होने वाली बैठक में 25 आधार अंकों की वृद्धि हो सकती है।
आरबीआइ की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने शुक्रवार को रेपो दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की थी। उच्च मुद्रास्फीति को काबू में करने के लिए मई में नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की शुरुआत की गई थी। आरबीआइ अब तक नीतिगत ब्याज दरों में 140 आधार अंकों की वृद्धि कर चुका है। कोटक महिंद्रा बैंक ने कहा कि रुपये की स्थिरता और उच्च मुद्रास्फीति से निपटने के लिए रेपो दर को 5.75 से छह प्रतिशत तक बढ़ाए जाने की उम्मीद है।
डालर के मुकाबले 2022 में भारतीय रुपये में अब तक 6.9 प्रतिशत की गिरावट आई है और जुलाई में यह 80.0650 के रिकार्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआइ ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने खुदरा मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। भले ही वार्षिक मुद्रास्फीति (Annual Inflation) जून में कम होकर 7.01 प्रतिशत हो गई, लेकिन साल के अधिकांश महीनों में इसके केंद्रीय बैंक की छह प्रतिशत की सीमा से ऊपर रहने की उम्मीद है। जुलाई की मुद्रास्फीति के आंकड़े शुक्रवार को आने हैं। यस बैंक ने कहा कि उसे एमपीसी की अगली दो बैठकों में से प्रत्येक में नीतिगत ब्याज दरों में 25 आधार अंक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।