महंगाई गिरने के बावजूद साल 2018 में सस्ता नहीं होगा लोन, यह है वजह

नोमुरा और क्रिसिल दोनों का मानना है कि आरबीआई की ओर से रेपो रेट में कटौती की संभावना कम है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Tue, 13 Mar 2018 05:35 PM (IST) Updated:Wed, 14 Mar 2018 07:46 AM (IST)
महंगाई गिरने के बावजूद साल 2018 में सस्ता नहीं होगा लोन, यह है वजह
महंगाई गिरने के बावजूद साल 2018 में सस्ता नहीं होगा लोन, यह है वजह

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। फरवरी महीने के दौरान रिटेल महंगाई में आई नरमी के बावजूद इस बात की संभावना कम है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी अगली एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) बैठक में नीतिगत दरों में कुछ बदलाव करे। यह बात एक ब्रोकरेज फर्म ने कही है। गौरतलब है कि फरवरी महीने के दौरान सीपीआई आधारित महंगाई दर 4.44 फीसद रही है जो कि जनवरी महीने में 5.07 फीसद रही थी। रेपो रेट कम नहीं होने की स्थिति में लोन के सस्ता होने की उम्मीद को झटका लग सकता है।

अनाज के लिए बेहतर न्यूनतम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) दिलाने के लिए बजट में किए गए वादे का जोखिम अगले वित्तीय वर्ष में मुद्रास्फीति को बढ़ा सकता है। हालांकि सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के इकोनॉमिस्ट का मानना है कि अभी सर्वश्रेष्ठ स्थिति का आना बाकी है और आरबीआई के मुद्रास्फीति लक्ष्यों को 0.50 फीसद अंक तक कम किया जाएगा।

नीतिगत दरें तय करने वाले पैनल के लिए इसे एक "चुनौतीपूर्ण अवधि" करार देते हुए जापानी ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने कहा कि बढ़ता एमएसपी एक जोखिम है और एक बार जब मुद्रास्फीति दूसरी तिमाही से बढ़ना शुरू करेगी, आरबीआई और भी आक्रामक रुख अपनाएगा। उसने कहा, “हम मान रहे हैं कि आरबीआई साल 2018 में नीतिगत दरों को यथावत रखेगा क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र के जोखिम अभी भी स्थायी विकास के लिए एक नकारात्मक पहलू है।”

वहीं प्रमुख घरेलू क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल का कहना है कि बीते दिन जारी हुए महंगाई के आंकड़ों ने थोड़ा सुधार दिखाया है, अगले छह महीनों तक आरबीआई की ओर से नीतिगत दरों में किसी भी बदलाव की संभावना नहीं है।

chat bot
आपका साथी