RBI Directs Banks: ब्याज वसूलने के अनुचित तरीकों के इस्तेमाल पर आरबीआई चिंतित, बैंकों से कही यह बात

सर्कुलर में कहा गया है कि ये आरबीआई के लिए गंभीर चिंता का विषय है। जहां भी इस तरह के मामले सामने आए हैं वहां पर आरबीआई ने बैंकों को ग्राहकों को इस तरह के अतिरिक्त ब्याज और अन्य शुल्क वापस करने को कहा है। इसके अलावा कुछ मामलों में ऋण वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले बैंकों को फंड ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

By AgencyEdited By: Praveen Prasad Singh Publish:Mon, 29 Apr 2024 11:24 PM (IST) Updated:Mon, 29 Apr 2024 11:24 PM (IST)
RBI Directs Banks: ब्याज वसूलने के अनुचित तरीकों के इस्तेमाल पर आरबीआई चिंतित, बैंकों से कही यह बात
केंद्रीय बैंक ने कुछ ऋणदाताओं द्वारा अपनाई जा रही कुछ अनुचित प्रथाओं पर भी प्रकाश डाला है।

HighLights

  • केंद्रीय बैंक ने ऋणदाताओं से प्रक्रिया में सुधार करने और वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया
  • जांच के दौरान पाया गया कि कुछ बैंक कर्ज मंजूरी की तारीख से ब्याज वसूल रहे थे जबकि ग्राहक को धन बाद में मिला

पीटीआई, मुंबई। RBI finds unfair practices आरबीआई ने कुछ बैंकों द्वारा ब्याज वसूलने में अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने पर चिंता जताई है। केंद्रीय बैंक ने उन्हें इस प्रक्रिया में सुधार करने और ग्राहकों से वसूले गए अतिरिक्त शुल्क को वापस करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में जारी एक सर्कुलर में आरबीआई (RBI) ने कहा, ''मौके पर जांच के दौरान आरबीआई को ऋणदाताओं द्वारा ब्याज वसूलने में कुछ अनुचित तरीकों का इस्तेमाल करने के मामले मिले हैं।''

केंद्रीय बैंक ने कुछ ऋणदाताओं द्वारा अपनाई जा रही कुछ अनुचित प्रथाओं पर भी प्रकाश डाला है। केंद्रीय बैंक ने सभी ऋणदाताओं को निर्देश दिया है कि वे ऋण वितरण के तरीके, ब्याज और अन्य शुल्क के संबंध में अपनाई प्रक्रियाओं की समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार सुधारात्मक कार्रवाई करें।

मौके पर जांच के दौरान आरबीआई को इस तरह के मामले मिले, जिसमें कर्ज मंजूरी की तारीख से ब्याज वसूला जा रहा था ना कि ग्राहक को धन हस्तांतरण की तारीख से। ऐसे भी मामले सामने आए जहां चेक की तारीख से ब्याज वसूला गया जबकि ग्राहक को चेक कई दिनों बाद सौंपा गया। जांच के दौरान यह भी पता चला कि कुछ बैंक ऋण वितरण या पुनर्भुगतान के मामले उस अवधि के लिए ब्याज नहीं ले रहे थे, जिसके लिए ऋण बकाया था।

सर्कुलर में कहा गया है कि ये आरबीआई के लिए गंभीर चिंता का विषय है। जहां भी इस तरह के मामले सामने आए हैं, वहां पर आरबीआई ने बैंकों को ग्राहकों को इस तरह के अतिरिक्त ब्याज और अन्य शुल्क वापस करने को कहा है। इसके अलावा कुछ मामलों में ऋण वितरण के लिए जारी किए गए चेक के बदले बैंकों को फंड ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 

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