खराब नोट लेने से इनकार नहीं कर सकते हैं बैंक, आरबीआई के सर्कुलर में दी गई जानकारी

आरबीआई ने कहा है कि बैंक ऐसे नोटों को स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकते हैं जो या तो गंदे हैं या फिर उनमें कुछ लिखा हुआ है।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sat, 29 Apr 2017 02:06 PM (IST) Updated:Sat, 29 Apr 2017 02:06 PM (IST)
खराब नोट लेने से इनकार नहीं कर सकते हैं बैंक, आरबीआई के सर्कुलर में दी गई जानकारी
खराब नोट लेने से इनकार नहीं कर सकते हैं बैंक, आरबीआई के सर्कुलर में दी गई जानकारी

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम आदमी से जुड़ा हुआ एक बड़ा फैसला किया है। आरबीआई की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि बैंक ऐसे नोटों को स्वीकार करने से इनकार नहीं कर सकते हैं जो या तो गंदे हैं या फिर उनमें कुछ लिखा हुआ है। आरबीआई ने कहा कि ऐसे नोटों को बेकार नहीं समझा जाना चाहिए। हालांकि ऐसे मामलों को साफ नोट नीति के मुताबिक सुलझाया जाना चाहिए।

टाइम्स न्यूज नेटवर्क की ओर से प्रकाशित खबर के मुताबिक आरबीआई ने इस मुद्दे के बीच साल 2013 के अपने उस बयान की याद दिलाई, जो कि सोशल मीडिया में फैली उस अफवाह के संदर्भ में थी जिसमें कहा गया था कि साल 2017 से बैंक ऐसे किसी भी नोट को स्वीकार नहीं करेंगे जिसपर कुछ भी लिखा हुआ होगा। उस वक्त आरबीआई ने कहा कि उसने ऐसा कोई भी आदेश जारी नहीं किया है।

आरबीआई ने क्यों जारी किया सर्कुलर:

आरबीआई की ओर से यह सर्कुलर इसलिए जारी किया गया क्योंकि केंद्रीय बैंक के पास तमाम तरह की शिकायतें सामने आईं थी जिसमें कहा गया था कि बैंक खासकर 500 और 2,000 रुपए के वैसे नोट लेने से इनकार कर रहे हैं जिनपर कुछ लिखा है या जिन पर रंग लग गया हो या फिर धुलाई की वजह से जिनका रंग छूटा गया है।

बैंकों को आरबीआई की तरफ से भेजे गए सर्कुलर में साफ तौर पर लिखा है कि लिखावट को लेकर उसका निर्देश बैंक कर्मचारियों के लिए था, कि वो नोट पर कुछ भी नहीं लिखें। इस निर्देश के पीछे मुख्य वजह यह थी कि अक्सर बैंक अधिकारी भी नोट पर लिखते है। इसी को देखते हुए रिजर्व बैंक ने क्लीन नोट पॉलिसी जारी की थी। साथ ही आरबीआई ने सरकारी कर्मचारियों, संस्थानों और आम लोगों से बैंक नोटों पर कुछ नहीं लिखकर इन्हें साफ-सुथरा रखने में मदद करने का आग्रह किया है।

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