Move to Jagran APP

सिक्कों से जुड़े ये राज यकीनन नहीं जानते होंगे आप

आरबीआई जल्द ही 5 और 10 रुपए के नए सिक्के जारी कर सकती है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Thu, 27 Apr 2017 07:01 PM (IST)Updated: Thu, 27 Apr 2017 07:01 PM (IST)
सिक्कों से जुड़े ये राज यकीनन नहीं जानते होंगे आप
सिक्कों से जुड़े ये राज यकीनन नहीं जानते होंगे आप

नई दिल्ली (जेएनएन): 10 रुपये के सभी प्रकार के सिक्कों को वैध बताने के बाद अब आरबीआई 5 और 10 रुपये के नए सिक्के जारी करने की योजना बना रहा है। इससे पहले बाजार में 10 रुपये के सिक्कों को लेकर तमाम तरह के भ्रम की स्थिति थी। आपको बता दे कि भारत में सिक्कों का इतिहास काफी पुराना है। हम इस खबर के माध्यम से आपको सिक्कों से जुड़े अहम राज बताने की कोशिश करेंगे। उदाहरण के तौर पर हमारे सिक्कों पर ऐसे चिन्ह बने होते हैं जो यह तक बता देते हैं कि सिक्का कहां से आया है।

loksabha election banner

सबसे पहले जानिए, भारतीय सिक्के कहां ढाले जाते हैं: भारतीय सिक्कों को टकसाल में ढाला जाता है।

टकसाल किसे कहते हैं: टकसाल वह सरकारी कारखाना होता है जहां सरकार के आदेश और बाजार की मांग को देखते हुए सिक्कों को ढाला जाता है। इसे अंग्रेजी भाषा में मिंट भी कहा जाता है।

भारत में कुल कितनी टकसालें हैं: भारत में फिलहाल देश की अलग-अलग जगहों पर कुल चार टकसालें हैं। मौजूदा समय में मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और नोएडा स्थित टकसालों के पास ही सिक्कों को ढालने का अधिकार है।

हैदराबाद की टकसाल: यह टकसाल काफी पुरानी है। हैदराबाद की टकसाल का निर्माण निजाम ने साल 1903 में करवाया था। साल 1950 आते आते यह टकसाल भारत सरकार के अधीन आ गई थी।

नोएडा की टकसाल: साल 1986 में बनी नोएडा की इस टकसाल में साल 1988 से ही स्टेनलेस सिक्कों का निर्माण हो रहा है।

मुंबई की टकसाल: हैदराबाद की तरह यह भी एक पुरानी टकसाल है। इसका निर्माण अंग्रेजों ने अपने लिए विशेष तौर पर करवाया था।

कोलकाता की टकसाल: साल 1859 में कोलकाता की सबसे पुरानी टकसाल में सिक्कों की ढलाई का काम शुरु हुआ था।

हर टकसाल में ढले सिक्के की होती है एक विशेष पहचान:

मुंबई की टकसाल: मुंबई की टकसाल में ढले सिक्कों की खास बात यह होती है कि उसमें छपाई के साल के ठीक नीचे डायमंड शेप का चिन्ह होता है।

अगर आपके घर को कोई पुराना सिक्का है तो उसे गौर से देखिएगा, अगर उसमें बी एल्फाबेट छपा हो तो समझ जाइएगा कि वो सिक्का मुंबई की टकसाल में ढाला गया होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले मुंबई को बंबई कहा जाता था। हालांकि साल 1996 के बाद मुंबई की टकसाल में छपे सिक्कों पर बी की जगह एम एल्फाबेट छपा हुआ आने लगा।

हैदराबाद मिंट: हैदराबाद मिंट (टकसाल) में छपे सिक्के के नीचे स्टार मार्क होता है। वहीं कुछ सिक्कों में डायमंड चिन्ह भी बना होता था।

इस टकसाल में छपे सिक्कों पर तारीख और सन के ठीक नीचे एक डॉयमंड का चिन्ह बना होता था। हैदराबाद मिंट में छपे कुछ सिक्कों में टूटे हुए डायमंड के भीतर भी डॉट चिन्ह होता था।

नोएडा मिंट: नोएडा की टकसाल में ढलने वाले सिक्कों पर एक डाट का निशान होता था। यहां पर छपने वाले 50 पैसे के सिक्कों पर सबसे पहले डॉट का निशान बनाया गया था।

कोलकाता मिंट: कोलकाता मिंट में ढलने वाले सिक्कों में कोई निशान नहीं होता था। अंग्रेजों के समय में कोलकाता की टकसाल में जो सिक्के ढलते थे उसमे कोई भी मिंट मार्क नहीं होता था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.