रेलवे कर रहा है फ्लेक्सी किराये पर विचार, लागू हो सकता है डायनमिक प्राइजिंग सिस्टम: पीयूष गोयल

रेल मंत्री ने संकेत दिए हैं कि रेलवे का राजस्व बढ़ाने के लिए उनका मंत्रालय फ्लेक्सी फेयर पर विचार कर रहा है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Fri, 02 Feb 2018 07:11 PM (IST) Updated:Fri, 02 Feb 2018 07:11 PM (IST)
रेलवे कर रहा है फ्लेक्सी किराये पर विचार, लागू हो सकता है डायनमिक प्राइजिंग सिस्टम: पीयूष गोयल
रेलवे कर रहा है फ्लेक्सी किराये पर विचार, लागू हो सकता है डायनमिक प्राइजिंग सिस्टम: पीयूष गोयल

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रेल मंत्रालय को फ्लेक्सी-किराए पर फिर से विचार करना पड़ रहा है। विभाग डायनमिक प्राइजिंग सिस्टम को लागू कर सकता है जो कि यात्री संख्या बढ़ाने के साथ ही रेवेन्यू को भी बढ़ा सकता है। यह बात रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कही है।

राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय वर्तमान में इस्तेमाल में लाए जा रहे अप्रचलित सिग्नलिंग सिस्टम को बदलने और नई तकनीक को लॉन्च करने पर विचार कर रहा है। प्रश्नकाल के दौरान, भाजपा सांसद राम विहार नेताम समेत कुछ सदस्यों ने फ्लेक्सी फेयर के संबंध में सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे कई मौके आए जब कीमतें बहुत उच्च स्तर तक बढ़ गई थीं।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गोयल ने कहा कि एक समिति ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसमें कहा गया है कि किस तरह से ट्रेन टिकिटों की डायनमिक प्राइजिंग की जाती है। उन्होंने कहा कि इससे मुनाफा सुधारने में भी मदद मिलेगी। मंत्री ने कहा कि डायनमिक प्राइजिंग के अंतर्गत ऑफ सीजन में ही ट्रेन टिकिटों में छूट दी जा सकती है।

क्या होता है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम?

भारतीय रेलवे की तरफ से लागू की गई फ्लेक्सी फेयर प्रणाली पूरी तरह से मांग-आपूर्ति पर निर्भर होती है। इसके तहत जिस समय टिकट की मांग ज्यादा होती है उस वक्त टिकट की कीमतें बढ़ा दी जाती है। ऐसा त्योहारी सीजन में ही होता है। वहीं, दूसरी ओर जब टिकट की मांग कम हो जाती हैं तब कीमतें सामान्य हो जाती हैं। अब तक हवाई जहाज की टिकटों में ऐसा होता था।

आपको बता दें कि ट्रेन में फर्स्ट एसी और एग्जिक्यूटिव कैटेगरी की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होता है। इसमें शुरुआत में पहली 10 फीसद सीटों के लिए सामान्य किराया लागू होता है, इसके बाद प्रत्येक 10 फीसद बर्थ की बुकिंग के बाद किरायों में 10 फीसद की बढ़ोतरी कर दी जाती है। मांग के आधार पर इसमें अधिकतम 50 फीसद तक किराया बढ़ता है। सेकेंड एसी और चेयरकार के लिए अधिकतम 50 फीसद की बढ़ोतरी होती है। वहीं थर्ड एसी के लिए यह सीमा 40 फीसद अधिक होती है। अन्य चार्जेस जैसे कि आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट शुल्क, कैटरिंग शुल्क और सेवा कर में बदलाव नहीं होता है।

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