बैड लोन मामला: NPA के बढ़ते दायरे से चिंतित संसदीय समिति ने रघुराम राजन को बुलाया

रघुराम राजन तीन वर्षो तक आरबीआइ के गवर्नर रहे और सितंबर, 2016 में कार्यकाल की समाप्ति के बाद अध्यापन कार्यो के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) लौट गए

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Mon, 20 Aug 2018 08:51 AM (IST) Updated:Mon, 20 Aug 2018 08:51 AM (IST)
बैड लोन मामला: NPA के बढ़ते दायरे से चिंतित संसदीय समिति ने रघुराम राजन को बुलाया
बैड लोन मामला: NPA के बढ़ते दायरे से चिंतित संसदीय समिति ने रघुराम राजन को बुलाया

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। लगातार बढ़ रहीं गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के मुद्दे पर एक संसदीय समिति ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन को बुलावा भेजकर इस मामले को सुलझाने में मदद करने को कहा है। पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने हाल ही में राजन की सराहना की थी और सुब्रमणियन की उस सराहना के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली प्राक्कलन समिति ने राजन को पत्र लिखकर तलब किया है। इस समिति का काम एनपीए की समस्या को समझना और उसे सुलझाने का प्रयास करना है।

रघुराम राजन तीन वर्षो तक आरबीआइ के गवर्नर रहे और सितंबर, 2016 में कार्यकाल की समाप्ति के बाद अध्यापन कार्यो के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) लौट गए। वर्तमान में शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त के प्राध्यापक हैं। सूत्रों के मुताबिक सुब्रमणियन ने समिति को बताया था कि राजन ने ही बैंकों के एनपीए की समस्या के रूप में पहचान की थी। पिछले महीने समिति के सामने पेश हुए पूर्व आर्थिक सलाहकार ने एनपीए संकट का समाधान खोजने के प्रयासों पर संशय जाहिर किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि सार्वजनिक बैंकों ने अपने ज्यादातर बड़े कर्ज किसी न किसी दबाव में बांटे थे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि बैंकों पर कहां से और किस तरह का दबाव था।

संसद की प्राक्कलन समिति एनपीए के मुद्दे पर इससे पहले वित्त सचिव हसमुख अढ़िया समेत वित्त मंत्रालय के कई बड़े अधिकारियों और सार्वजनिक बैंकों के शीर्ष अधिकारियों को तलब कर चुकी है। संसदीय समिति के सदस्यों ने बैंकों से उन बोर्ड बैठकों का विवरण भी मांगा है, जिनमें बड़े आकार के कर्ज बांटने संबंधी फैसले लिए गए।

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