जन धन की डगर मुश्किल, सुस्त न पड़ें बैंककर्मी

नई दिल्ली। जन धन योजना की शुरुआत करने के पांच हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंककर्मियों और स्टाफ को ईमेल भेजा है। इसमें प्रधानमंत्री ने उन्हें अब तक के किए गए काम के लिए बधाई देते हुए आगे तैयार रहने को कहा है। उन्होंने आगाह किया है कि प्रधानमंत्री जन धन योजना की डगर आगे मुश्किल होगी और वे कतइ

By Murari sharanEdited By: Publish:Tue, 07 Oct 2014 08:37 PM (IST) Updated:Tue, 07 Oct 2014 08:37 PM (IST)
जन धन की डगर मुश्किल, सुस्त न पड़ें बैंककर्मी

नई दिल्ली। जन धन योजना की शुरुआत करने के पांच हफ्ते बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंककर्मियों और स्टाफ को ईमेल भेजा है। इसमें प्रधानमंत्री ने उन्हें अब तक के किए गए काम के लिए बधाई देते हुए आगे तैयार रहने को कहा है। उन्होंने आगाह किया है कि प्रधानमंत्री जन धन योजना की डगर आगे मुश्किल होगी और वे कतई सुस्ती न बरतें।

प्रधानमंत्री ने योजना को मिली अभूतपूर्व प्रतिक्रिया पर खुशी जाहिर करते हुए लिखा कि यह बैंककर्मियों और स्टाफ की मेहनत का ही नतीजा है। पांच हफ्तों के भीतर ही पांच करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए। पहले साल के लिए साढ़े सात करोड़ खाते खोलने का लक्ष्य रखा गया है। पीएम ने देश की बैंकिंग प्रणाली को हर तरह की चुनौती से निपटने में सक्षम बताया। साथ ही बैंककर्मियों के काम को संतोषजनक करार दिया। जन धन योजना को शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री ने बैंककर्मियों और स्टाफ को 25 अगस्त को ईमेल भेजा था। 28 अगस्त को योजना की शुरुआत हुई थी।

कठिन होगा काम

बैंकर्स को प्रधानमंत्री ने लिखा कि सरकार की मंशा सभी नागरिकों का बैंक खाता खोलने की है। अब उनके खाते खोले जाने हैं जो छूट गए हैं। यह काम आसान नहीं होगा। कोशिशों में शिथिलता नहीं आनी चाहिए। वित्ताीय साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए काफी प्रयासों की जरूरत होगी।

बैंक मित्रों की बढ़ेगी भूमिका

प्रधानमंत्री ने लिखा कि आधार नंबरों को बैंक खातों से जोड़ा जाना है। ई-केवाईसी जैसी सुविधाओं का उपयोग अधिक से अधिक बढ़ाना है। बैंक मित्रों को अधिक सक्रिय भूमिका निभानी होगी ताकि हर खाताधारक तक बैंकिंग एजेंट नियमित रूप से पहुंच सकें।

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