टूरिस्ट बनकर निकलने से पहले करें गौर, आनलाइन फ्राड के झांसे में आने की आशंका 67 प्रतिशत बढ़ी
आनलाइन फ्राड पर नजर रखने वाली एजेंसी एमफिल्टरइट (mFilterIt) ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में आनलाइन फ्राड की आशंका पहले के मुकाबले 68 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है। इसलिए पर्यटन के लिए बाहर निकलने की योजना बना रहे भारतीय ग्राहक अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। कोविड महामारी के बाद भारत समेत पूरी दुनिया में पर्यटन स्थलों पर भीड़ बढ़ने लगी है। इसके साथ ही पर्यटकों से साइबर या आनलाइन फ्राड (Online Fraud) होने की आशंका भी काफी बढ़ गई है। वैश्विक स्तर पर आनलाइन फ्राड पर नजर रखने वाली एजेंसी एमफिल्टरइट (mFilterIt) ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में आनलाइन फ्राड की आशंका पहले के मुकाबले 68 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ी है। कंपनी ने इस बारे में एक अध्ययन (mFilterlt Report) जारी कर कहा है कि पर्यटन के लिए बाहर निकलने की योजना बना रहे भारतीय ग्राहक अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
एमफिल्टरइट ( mFilterIt) के निदेशक अमित रेलान ने कहा है कि ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से जुड़े डाटा को चुराना और उसका क्लोन तैयार करना पर्यटन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा हो रहा है। इसी तरह से बड़े व नामी होटलों या ट्रैवल वेबसाइट की क्लोन वेबसाइट बनाकर उससे ग्राहकों को वित्तीय धोखा देना दूसरा बड़ा जरिया है। फ्राड करने वाले बुकिंग पर डिस्काउंट देने के नाम पर ग्राहकों को फंसाने का काम करते हैं। उनका कहना है कि ग्राहकों को ज्यादा समझदार व सतर्क बना कर ही इस तरह के फ्राड को रोका जा सकता है।
इस संदर्भ में बैंकिंग नियामक- भारतीय रिजर्व बैंक के साथ-साथ विभिन्न बैंक भी अपने ग्राहकों को यह सलाह देते आए हैं कि उन्हें धोखाधड़ी से बचने के लिए किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। खास तौर से तब जब ग्राहक किसी एटीएम से पैसों की निकासी कर रहा हो या कहीं अपना कार्ड स्वाइप कर रहा हो या ऑनलाइन किसी वस्तु या सेवा के लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड से भुगतान कर रहा हो। जब भी आप कहीं बाहर घूमने की योजना बना रहे हैं तो इस संदर्भ में विशेष सावधानियां बरतें, ताकि आपके घूमने का मजा किरकिरा न हो।