एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना को मार्च तक देशभर में किया जा सकता है शुरू: खाद्य मंत्रालय

एनएफएसए के तहत केंद्र प्रत्येक व्यक्ति को प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न देता है जो लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को 2-3 रुपये प्रति किलो के अत्यधिक रियायती मूल्य पर मिलता है।

By NiteshEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 08:52 AM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 08:52 AM (IST)
एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना को मार्च तक देशभर में किया जा सकता है शुरू: खाद्य मंत्रालय
एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना को मार्च तक देशभर में किया जा सकता है शुरू: खाद्य मंत्रालय

नई दिल्ली, पीटीआइ। ‘एक देश-एक राशनकार्ड’ अगले साल मार्च तक पूरे देश में लागू हो सकता है। केंद्र ने बुधवार को कहा कि ‘एक देश-एक राशनकार्ड’ योजना का कार्यान्वयन इसकी शीर्ष प्राथमिकताओं में है और अगले साल मार्च तक इस सुविधा को पूरे देश में लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘एक देश-एक राशनकार्ड’ (वन नेशन वन राशन कार्ड) योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत आने वाले सभी पात्र राशनकार्ड धारकों या लाभार्थियों को देश के किसी भी हिस्से में अपना राशन प्राप्त कर सकने का एक विकल्प देगा।

एनएफएसए के तहत, केंद्र प्रत्येक व्यक्ति को प्रति माह 5 किलोग्राम खाद्यान्न देता है, जो लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को 2-3 रुपये प्रति किलो के अत्यधिक रियायती मूल्य पर मिलता है। सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने एक राष्ट्र- एक राशनकार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी को लागू करने की इच्छा दिखाई है और लगभग सभी ने खाद्य विभाग के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। 

अभी 24 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों में इस योजना को एक अगस्त 2020 से लागू किया गया है जिसमें लगभग 65 करोड़ लाभार्थी शामिल हैं जो एनएफएसए आबादी का लगभग 80 फीसद हिस्सा है। इसमें आंध्र प्रदेश, बिहार, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, सिक्किम, राजस्थान, तेलंगाना , त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मणिपुर, नागालैंड और उत्तराखंड जैसे राज्य एवं केन्द्रशासित प्रदेश शामिल हैं। 

मार्च 2021 से पहले शेष 12 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ सुविधा को लागू करने के ठोस और नियमित प्रयास किए जा रहे हैं।

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