ओला को मिला रतन टाटा का साथ, कंपनी को 267 करोड़ की फ्रेश फंडिंग

ओला में यूसी-आरएनटी फंड ने 267.99 करोड़ रुपये का योगदान किया हैजो कि यह रतन टाटा और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का संयुक्त उद्यम है

By Surbhi JainEdited By: Publish:Thu, 04 May 2017 01:39 PM (IST) Updated:Thu, 04 May 2017 01:39 PM (IST)
ओला को मिला रतन टाटा का साथ, कंपनी को 267 करोड़ की फ्रेश फंडिंग
ओला को मिला रतन टाटा का साथ, कंपनी को 267 करोड़ की फ्रेश फंडिंग

नई दिल्ली (जेएनएन)। जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक समर्थित कैब एग्रीगेटर ओला ने 670 करोड़ रुपये (104.4 मिलियन डॉलर) का नया निवेश जुटाया है। इसमें यूसी-आरएनटी फंड ने 267.99 करोड़ रुपये का योगदान किया है। यह फंड रतन टाटा और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी का संयुक्त उद्यम है। शेष 402 करोड़ रुपये एफओ मॉरिशियस लिमिटेड से जुटाए गए हैं। यह जानकारी एएनआई टेक्नोलॉजीज की ओर से रेगुलेटरी फाइलिंग से पता चली है। हाल में हुई फंडिंग के राउंड के बाद फिलहाल कंपनी की वैल्यूएशन नहीं बताई जा सकती है। इसके लिए निवेशकों को शेयर्स का आवंटन 31 मार्च 2017 को किया गया था।

कंपनी को भेजे गए ईमेल का अबतक जवाब नहीं आया है। बैंगलुरु की इस कंपनी ने बीते नवंबर महीने में सॉफ्टबैंक से 250 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई थी। एएनआई टेक्नोलॉजीज, जो कि पब्लिक ट्रेडिड कंपनी नहीं है, ने अपने निवेशकों से करीब 150 करोड़ डॉलर का निवेश जुटाया है। इसके निवेशकों की सूची में सॉफ्टबैंक ग्रुप, टाइगर ग्लोबल, मैट्रिक्स पार्टनर्स, स्टेडव्यू कैपिटल, सिक्योइया इंडिया, एसेल पार्टनर्स यूएस और फालकन ऐज शामिल है।

ओला को वित्त वर्ष 2016 में रोजाना हुआ 6 करोड़ रुपये का घाटा
देश कैब सेवा प्रदाता कंपनी ओला को वित्त वर्ष 2015-16 में 2311 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। कंपनी को विज्ञापन, प्रचार और कर्मचारियों पर भारी खर्च के कारण रोजाना करीब छह करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। बेंगलुरु में स्थित कंपनी ने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय को बताया है कि वर्ष 2014-15 (796.11 करोड़ रुपये) की तुलना में घाटा तीन गुना बढ़ गया है।

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