वीजा पाबंदी पर चिंता की जरूरत नहीं

कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा का कहना है कि विकसित देशों की ओर से वीजा नियमों में की जाने वाली सख्ती से भारत को परेशान होने की जरूरत नहीं है।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sun, 30 Apr 2017 01:13 PM (IST) Updated:Sun, 30 Apr 2017 01:13 PM (IST)
वीजा पाबंदी पर चिंता की जरूरत नहीं
वीजा पाबंदी पर चिंता की जरूरत नहीं

नई दिल्ली (पीटीआई)। विकसित देशों की ओर से वीजा व्यवस्था में सख्ती से भारतीयों को ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उनके लिए अपने देश में ही पर्याप्त अवसर होंगे। कैबिनेट सचिव पीके सिन्हा ने यह आश्वासन दिया है। सिन्हा का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि अमेरिकी प्रशासन एच-1बी वीजा प्रोग्राम के नियमों की समीक्षा कर रहा है। इससे भारतीय आइटी कंपनियों के प्रभावित होने की आशंका है।

सिन्हा ने यहां सीआइआइ के एक कार्यक्रम में कहा कि देखने में आया है कि विकसित देशों तक में यह धारणा मजबूत हुई है कि रोजगार के अवसर नागरिकों को ही मिलें। यही देखते हुए एक के बाद एक देश वीजा प्रतिबंध लागू कर रहा है ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार के मौकों का फायदा मिल सके। सिन्हा बोले कि वीजा प्रतिबंधों को लेकर अधिक चिंतित होने की जरूरत नहीं है क्योंकि देश में ही पर्याप्त अवसर होंगे। इस तरह की सोच बढ़ रही है कि हाल ही के अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक घटनाक्रम से ग्लोबलाइजेशन की प्रक्रिया पलटने की संभावना है। वैसे इसे ग्लोबलाइजेशन के भविष्य खतरे के तौर पर नहीं देखना चाहिए।

कैबिनेट सचिव ने कहा कि जैसे किसी देश के भीतर सब कुछ एक क्षेत्र में पैदा नहीं किया जा सकता है और अन्य क्षेत्रों से कई चीजों को मंगाना पड़ता है। ठीक वैसे ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही की आवश्यकता बनी रहेगी। सिन्हा यह भी बोले कि यह देखते हुए कि विकसित देशों में मांग में ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद कम है, लिहाजा उन्हें विकासशील देशों की ओर देखना होगा। इस तरह ग्लोबलाइजेशन बचा रहेगा।
नीति बनाने में भारतीय फर्मो के योगदान को देखेगा अमेरिका

सरकार ने भरोसा जताया है कि अमेरिका अपनी वीजा नीति की समीक्षा करते समय यह भी ध्यान रखेगा कि भारतीय आइटी कंपनियों से उसकी अर्थव्यवस्था को कितना फायदा हुआ। आइटी सचिव अरुणा सुंदरराजन ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि समीक्षा करते समय वे अमेरिकी जनता व कंपनियों को हुए फायदे और भारतीय कंपनियों व उनके बीच साझा फायदे वाले रिश्तों को भी ध्यान में रखेंगे। उसी के आधार पर कोई फैसला लिया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा कार्यक्रम के नियमों को सख्त बनाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। भारतीय आइटी कंपनियों और पेशेवरों की ओर से इस तरह के वीजा की सबसे अधिक मांग रहती है।

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