सिर्फ 90 दिनों में निकालना होगा Jet Airways की bankruptcy का समाधान -NCLT
Jet Airways गुरुवार को bankruptcy process में जाने वाली देश की पहली घरेलू विमानन कंपनी बन गई। 90 दिनों में निकलेगा समाधान।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जेट एयरवेज गुरुवार को बैंक्रप्सी प्रक्रिया में जाने वाली देश की पहली घरेलू विमानन कंपनी बन गई। नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) ने विमानन कंपनी के विरुद्ध 26 कर्जदाताओं की ओर से भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) द्वारा दाखिल एक इन्सॉल्वेंसी याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया। वीपी सिंह और रवि कुमार दुरईसामी की पीठ ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) आशीष छौछरिया (ग्रांट थॉन्र्टन) को समाधान प्रक्रिया पूरी करने के लिए 90 दिनों की मोहलत दी और इतना कम समय देने का कारण बताते हुए कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है। बैंक्रप्सी कानून के तहत बैंक्रप्सी प्रक्रिया के लिए 180 दिनों की समय सीमा दी गई है।
पीठ ने आरपी को हर पखवाड़े प्रगति रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया और कहा कि पहली प्रगति रिपोर्ट पांच जुलाई को जमा की जाए, जिस दिन पीठ इस मामले की फिर से सुनवाई शुरू करेगी। इस बीच टिब्यूनल ने विमानन कंपनी की एम्सटर्डम स्थित दो आपूर्तिकर्ताओं के ट्रस्टी की ओर से दाखिल की गई हस्तक्षेप याचिका को खारिज कर दिया।
पीठ ने कहा कि नीदरलैंड की अदालत को जेट एयरवेज पर बैंक्रप्सी का आदेश देने का अधिकार नहीं है। इसके साथ ही टिब्यूनल ने दो परिचालन कर्जदाता शमन व्हील्स और गग्गर एंटरप्राइजेज की ओर से दाखिल बैंक्रप्सी याचिकाओं को भी खारिज कर दिया। शमन व्हील्स ने विमानन कंपनी पर 8.74 करोड़ रुपये और गग्गर एंटरप्राइजेज ने 53 लाख रुपये का दावा किया था। इन दोनों आपूर्तिकर्ताओं ने ही पहली बार 10 जून को विमानन कंपनी के खिलाफ बैंक्रप्सी याचिका दाखिल की थी। उनकी याचिकाओं को खारिज करते हुए टिब्यूनल ने कहा कि आईबीसी की धारा सात को स्वीकार कर लिया गया है, इसलिए उनकी याचिकाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन वे आरपी से संपर्क कर सकते हैं।
आश्चर्यजनक रूप से बैंक्रप्सी की याचिका स्वीकार किए जाने से पहले शेयर बाजारों में जेट एयरवेज के शेयरों में कारोबार के बीच 150 फीसद का उछाल देखा गया। शेयर बाजारों के आंकड़ों के मुताबिक किसी भी शेयर में इंट्रोडे ट्रेड में यह अब तक का सबसे बड़ा उछाल है। कंपनी के शेयर हालांकि 93.35 फीसद तेजी के साथ बीएसई पर 64 रुपये पर बंद हुए।
विमानन कंपनी पर 26 कर्जदाताओं का 8,500 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। इसके अलावा उस पर सैकड़ों आपूर्तिकर्ताओं और 23,000 कर्मचारियों का भी 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। विमानन कंपनी ने नकदी की समस्या के कारण 17 अप्रैल को उड़ानों का परिचालन बंद कर दिया था। इसके बाद बैंकों ने पिछले सोमवार को कंपनी को बैंक्रप्सी प्रक्रिया में ले जाने का फैसला किया था।
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