नोटबंदी के दौरान किया है संदिग्ध लेन-देन तो आयकर विभाग आपको कहेगा हैलो
नोटबंदी के दौरान बैंकों में पैसा जमा कराने वालों के आयकर विभाग कॉल कर सकता है
नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी के दौरान भारी मात्रा में नकदी जमा कराने वालों के खिलाफ आयकर विभाग एक बाद फिर से सख्त हो गया है। इस दौरान नकदी जमा कराने वाले करीब 5.5 लाख लोगों को विभाग की ओर से फोन किया जा सकता है। साथ ही विभाग की नजर ऐसे एक लाख लोगों पर भी है जिन्होंने अपने सभी बैंक खातों का खुलासा नहीं किया था। ऑपरेशन क्लीन मनी के दूसरे चरण में कर विभाग उन लोगों से नकदी जमा के बार में जानकारी की मांग कर रहा है जो उनकी इनकम से मेल नहीं खा रही। यह जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार सामने आई है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हमारे पास संदिग्ध लेनदेन के संबंध में नया डेटा मिला है। हमने ऐसे 5.5 लाख से ज्यादा लोगों को ई मेल और एसएमएस भेजने शुरू कर दिए हैं जिनकी टैक्स प्रोपाइल कैश डिपॉजिट से मेल नहीं खा रही है।” आयकर अधिकारी डेटा एनालिटिक्स के जरिए ज्यादा जोखिम वाले क्लस्टर्स, शेल कंपनी और बेनामी संपत्तियों की पहचान कर रहे हैं।
साथ ही विभाग ने ऐसे एक लाख से ज्यादा लोगों की पहचान की है जिन्होंने ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण में अपने सभी बैंक खातों का विवरण नहीं दिया था।
जानकारी के लिए बता दें कि विभाग ने पहले चरण में 17.92 लाख लोगों की पहचान की थी। इनमें से 9.72 लाख ने अपने जवाब ऑनलाइन फाइल किए हैं। विभाग ने इन नकदी जमा के संबंध में जानकारी अपनी वेबसाइट पर पैनधारक की ई-फाइलिंग विंडो में दी है। विभाग को इस तरह के डिपॉजिट करने वाले ऑनलाइन स्पष्टीकरण दे सकते हैं। आपको बता दें कि देश में नोटबंदी के दौरान दो लाख रुपये से अधिक का नकदी जमा करने वालों को इस साल आयकर रिटर्न में इसकी जानकारी देनी होगी।