'जारी रखा जाए स्टील का न्यूनतम आयात मूल्य'

केंद्र सरकार सस्ते विदेशी उत्पादों से उद्योगों को बचाने के लिए संरक्षण के उपायों का सहारा ले रही है।

By Manish NegiEdited By: Publish:Fri, 10 Jun 2016 03:17 AM (IST) Updated:Fri, 10 Jun 2016 03:22 AM (IST)
'जारी रखा जाए स्टील का न्यूनतम आयात मूल्य'

नई दिल्ली, (रायटर/पीटीआई)। सस्ते विदेशी उत्पादों से अपने उद्योगों को बचाने के लिए भारत सरकार संरक्षण के उपायों का सहारा ले रही है। चीन जैसे देशों से आ रहे सस्ते स्टील को रोकने वाली न्यूनतम आयात मूल्य (एमआइपी) की व्यवस्था अगस्त में खत्म हो रही है। मगर आयातित स्टील ने घरेलू उद्योग की नाक में दम कर रखा है। इसीलिए स्टील मंत्रालय ने एमआइपी को जारी रखने के पक्ष में पहले ही जोरदार आवाज उठा दी है।

इस शुल्क को लगाने का अधिकार वाणिज्य मंत्रालय के पास है। अब इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) संबंधित मंत्रालयों के साथ चर्चा के बाद कोई अंतिम फैसला लेगा। सरकार ने इस साल फरवरी में 173 आयातित स्टील उत्पादों पर 341-752 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम आयात शुल्क लगाकर घरेलू उद्योग को राहत दी थी। इसकी वजह से ही बीते महीने स्टील का आयात 14 माह के निचले स्तर पर पहुंच गया। थोड़ी अवधि के लिए की गई एमआइपी व्यवस्था अगस्त में खत्म हो जाएगी। ऐसे में स्टील मंत्रालय ने कहा है कि वह तब तक के लिए न्यूनतम आयात मूल्य को जारी रखने की मांग रखेगा, जब तक कि स्टील उत्पादों की देश में डंपिंग चलती रहेगी।

पीएमओ संबंधित मंत्रालयों से विचार-विमर्श के बाद ही एमआइपी को जारी रखने पर कोई अंतिम निर्णय करेगा। इससे पहले वह घरेलू स्टील कंपनियों की और अधिक उत्पादों को एमआइपी के दायरे में लाने मांग पर भी विचार करेगा। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक है। देश की कुल उत्पादन क्षमता 11 करोड़ टन है। इसके बावजूद भी घरेलू स्टील उद्योग चीन, रूस, जापान और दक्षिण कोरिया से आ रहे सस्ते आयात से परेशान है। घरेलू कंपनियां बेहद कम मार्जिन या घाटे पर कारोबार करने के लिए मजबूर हैं। उन्हें इस मुसीबत से बचाने के लिए ही केंद्र सरकार ने कुछ उत्पादों पर सेफगार्ड इंपोर्ट ड्यूटी को मार्च में वर्ष 2018 तक के लिए बढ़ा दिया था। इसके अलावा हाल ही में इन देशों और खासकर चीन से आने वाले सस्ते स्टील की डंपिंग को लेकर जांच शुरू की है।

चीन के उत्पादों के खिलाफ यह चौथी ऐसी जांच है। बीते महीने सरकार ने चीन से आयात होने वाले सीमलेस ट्यूब और पाइपों पर अस्थायी रूप से एंटी डंपिंग ड्यूटी भी लगाई है। जापान, ताइवान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों ने भारत पर प्रतिबंधात्मक व्यापारिक कार्रवाई करने का आरोप मढ़ा है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने भी भारतीय स्टील आयात नीतियों की आलोचना की है। जापान ने कहा है कि वह भारत की ओर से लगाई गई सेफगार्ड ड्यूटी के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में जा सकता है।

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चीन को एंटी डंपिंग जांच से आपत्ति

चीन ने भारत की ओर से उसके स्टील उत्पादों के खिलाफ एंटी डंपिंग जांच शुरू करने के खिलाफ गंभीर आपत्ति जताई है। उसने कहा है कि विश्व व्यापार संगठन के नियमों के तहत इस मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी चाहिए। चीन के व्यापार मंत्रालय ने बीते दिन कहा था कि वह स्टील उत्पादों पर भारतीय कदमों को लेकर बेहद चिंतित है। स्टील उत्पादन की अधिकता एक ग्लोबल चुनौती है। इसे मिलजुल कर निपटना होगा, न कि अनुचित व्यापारिक संरक्षण उपायों के जरिये।

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