खुशखबरी: एटीएम से पैसे की निकासी पर लगी सीमा एक फरवरी से होगी खत्म

नकदी निकासी की सीमा हटाते हुए आरबीआई ने कहा कि सेविंग एकाउंट पर निकासी की सीमा फिलहाल जारी रहेगी। केंद्रीय बैंक इस सीमा को कब हटाया जाए इसपर विचार कर रहा है।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Mon, 30 Jan 2017 05:26 PM (IST) Updated:Mon, 30 Jan 2017 08:18 PM (IST)
खुशखबरी: एटीएम से पैसे की निकासी पर लगी सीमा एक फरवरी से होगी खत्म
खुशखबरी: एटीएम से पैसे की निकासी पर लगी सीमा एक फरवरी से होगी खत्म

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने आम जनता और छोटे कारोबारियों को भारी राहत देते हुए एटीएम और चालू खाते से नकदी निकासी की सभी सीमाएं हटा ली हैं। हालांकि अभी बचत खातों पर 24000 रुपये की निकासी की साप्ताहिक बंदिश बरकरार रहेगी। केंद्रीय बैंक ने भरोसा दिया है कि साप्ताहिक सीमा की वह नई करेंसी के प्रवाह के आधार पर जल्द ही समीक्षा करेगा।

रिजर्व बैंक ने सोमवार को इस संबंध में सर्कुलर जारी करते हुए कहा कि पहली फरवरी के बाद एटीएम से निकासी की कोई सीमा नहीं रहेगी। लेकिन इसके बावजूद साप्ताहिक सीमा जारी रहने के चलते बचत खाताधारक एक सप्ताह में 24000 रुपये से अधिक एटीएम से भी नहीं निकाल पाएंगे। बैंक ने कहा है कि नई करेंसी का प्रवाह बढ़ने के बाद चालू खाता और एटीएम से निकासी सीमा का आदेश वापस लेने का फैसला लिया गया है।

सभी बैंकों को भेजे अपने सर्कुलर में स्पष्ट कर दिया है कि बैंक चाहे तो अपनी जरूरत के हिसाब से निकासी की सीमा तय कर सकते हैं। इस तरह बैंकों के लिए एटीएम निकासी की सीमा को 8 नवंबर 2016 से पहले की स्थिति में ला दिया है। इसी दिन सरकार ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट को बंद करने का ऐलान किया था।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि चालू खाता, नकद कर्ज खाता और ओवरड्राफ्ट खातों पर नकदी निकासी की सभी बंदिशें तुरंत प्रभाव से समाप्त की जा रही हैं। केंद्रीय बैंक ने बैंकों से कहा है कि वे अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट और डिजिटल पेमेंट व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करें। सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद ही एटीएम और बैंक शाखाओं से नकदी निकासी को लेकर सीमा लगाईं थी। हालांकि बाद में बैंकिंग सिस्टम में नई करेंसी का प्रवाह बढ़ने के बाद इन बंदिशों में ढील भी दी गई। अब चालू खाते से निकासी की बंदिश हटने से छोटे कारोबारियों को लाभ होगा। ये कारोबारी काफी समय से इस बात की मांग कर रहे थे।

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