आइटी निर्यात में पहले जैसी तेजी की उम्मीद नहीं

भारत के आइटी निर्यात में पहले जैसी तेजी की उम्मीद नहीं है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sat, 24 Jun 2017 01:19 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jun 2017 06:19 PM (IST)
आइटी निर्यात में पहले जैसी तेजी की उम्मीद नहीं
आइटी निर्यात में पहले जैसी तेजी की उम्मीद नहीं

नई दिल्ली (पीटीआई)। देश के आइटी निर्यात के पहले जैसे ज्यादा तेजी से बढ़ने की उम्मीद नहीं है। यह कहते हुए विशेषज्ञों ने नैस्कॉम के सॉफ्टवेयर निर्यात में वृद्धि के अनुमान को वास्तविक व उचित बताया है। देश के सॉफ्टवेयर उद्योग के इस शीर्ष संगठन ने बीते दिन चालू वित्त वर्ष के दौरान आइटी निर्यात 7-8 फीसद की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान लगाया था।

ग्लोबल आइटी खर्च में धीमी वृद्धि और अमेरिका व यूरोप के कई हिस्सों में राजनीतिक अनिश्चितता इसकी मुख्य वजह हैं। कभी भारत का आइटी निर्यात 35 से 50 फीसद की रफ्तार से बढ़ा करता था। इंफोसिस के पूर्व सीएफओ टीवी मोहनदास पई ने कहा कि ऐसे हालात में सभी बड़ी आइटी कंपनियों ने अपनी ग्रोथ सात से नौ फीसद रहने की उम्मीद जाहिर की है। नैस्कॉम के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के दौरान देश के आइटी उद्योग में 1.50 लाख तक नई नौकरियां पैदा होंगी। इंफोसिस के ही एक अन्य पूर्व सीएफओ वी बालकृष्णन ने कहा कि आइटी उद्योग उस मोड़ पर पहुंच गया है, जहां रेवेन्यू ग्रोथ का पूर्वानुमान लगाना मुश्किल है। राजस्व में वृद्धि ही उद्योग के सामने सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि सबसे बड़े आइटी बाजार अमेरिका में ग्रोथ तेजी नहीं पकड़ रही है।

टीसीएस अमेरिका में आइटी सेक्टर की सबसे बड़ी नियोक्ता:

देश की दिग्गज आइटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) अमेरिका में आइटी क्षेत्र में पांच साल से सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली दो कंपनियों में शामिल रही है। कैंब्रिज ग्रुप ने अपने अध्ययन के आधार पर टीसीएस को अव्वल रैंकिंग दी है। टाटा समूह की इस कंपनी ने अमेरिका में बीते पांच साल के दौरान 12,500 से ज्यादा नए कर्मचारी भर्ती किए हैं। कंपनी बीते तीन साल के दौरान अमेरिका में तीन अरब डॉलर (करीब 19,000 करोड़ रुपये) का निवेश कर चुकी है।

ट्रंप प्रशासन से मिल रहे भारी अवसर: सिक्का

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का प्रशासन कारोबार और उद्यमियों के लिए अनुकूल है। अमेरिकी सरकार इनोवेटिव काम करने के ढेरों मौके मुहैया करा रही है। इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने यह राय जाहिर की है। उन्होंने इस बात से साफ इन्कार किया कि भारतीय आइटी कंपनियों को ट्रंप प्रशासन में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

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