ईरान को मिला विशाल पेट्रोलियम भंडार, अमरिकी प्रतिबंधों के बावजूद बना अमीर देश : रूहानी

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि इस खोज के बाद उनके तेल भंडार में एक-तिहाई का इजाफा हो जाएगा।

By Manish MishraEdited By: Publish:Mon, 11 Nov 2019 10:35 AM (IST) Updated:Mon, 11 Nov 2019 10:35 AM (IST)
ईरान को मिला विशाल पेट्रोलियम भंडार, अमरिकी प्रतिबंधों के बावजूद बना अमीर देश : रूहानी
ईरान को मिला विशाल पेट्रोलियम भंडार, अमरिकी प्रतिबंधों के बावजूद बना अमीर देश : रूहानी

तेहरान, एएफपी। ईरान ने एक बड़ा तेल क्षेत्र खोज निकालने का दावा किया है। ईरान के दक्षिणी प्रांत में पाए गए इस तेल क्षेत्र में करीब 5,300 करोड़ बैरल कच्चा तेल होने का अनुमान लगाया गया है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि इस खोज के बाद उनके तेल भंडार में एक-तिहाई का इजाफा हो जाएगा। रूहानी ने सरकारी टीवी के जरिये इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद ईरान की इकोनॉमी सुचारू रूप से चल रही है।

जानकारी के मुताबिक 80 मीटर गहरा यह तेल भंडार ईरान की इराक से लगी खुजिस्तान सीमा से लेकर ओमीदिया शहर तक 200 किलोमीटर दायरे में फैला हुआ है। रूहानी ने अपने नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सरकार द्वारा लोगों को दिया गया एक छोटा सा उपहार है। अमेरिका द्वारा लगातार कष्टकारी प्रतिबंध लगाने के बावजूद हम आज एक अमीर देश बन गए हैं। ईरान की ऑयल इंडस्ट्री के कर्मचारियों ने एक बड़ा तेल क्षेत्र खोज निकाला है।

इस खोज के बाद ओपेक देशों के कुल तेल भंडार में 34 परसेंट का इजाफा हो जाएगा। गौरतलब है कि ईरान तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के संस्थापक देशों में शामिल है। तेल भंडार के मामले में वह पहले से ही दुनिया का पांचवा बड़ा देश है। अगर इस तेल खोज का दावा साबित हो जाता है, तो ईरान तेल भंडार के मामले में तीसरे स्थान पर आ जाएगा। तेल के खजाने पर बैठा ईरान प्रतिबंधों के चलते अपनी क्षमता का पूरा उपयोग नहीं कर पा रहा है। अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों ने उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं।

पिछले वर्ष अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में ईरान के साथ हुई परमाणु संधि से हाथ खींच लिए थे और उसपर फिर से प्रतिबंध लगा दिए थे। ईरान की इकोनॉमी पर इन प्रतिबंधों का बहुत बुरा असर हुआ है। इसके साथ ही भारत भी ईरान पर प्रतिबंधों से प्रभावित हुआ है। गौरतलब है कि भारत बड़े पैमाने पर ईरान से कच्चा तेल आयात करता रहा है।

इस दौरान दोनों देशों में कई तरह के महत्वपूर्ण समझौते भी हुए हैं। इनमें तेल खरीदने के लिए डॉलर की जगह रुपये के इस्तेमाल का समझौता भी शामिल है। हालांकि ट्रंप प्रशासन कुछ समय के लिए भारत समेत आठ देशों को ईरान से तेल खरीदने की छूट दी थी। लेकिन इस वर्ष मई में यह छूट वापस ले ली गई। इसके बाद भारत को तेल खरीदने के लिए दूसरे विक्रेता देशों को खोजना पड़ा।

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