अप्रत्यक्ष कर संग्रह 37.5 फीसद बढ़ा

उत्पाद शुल्क की वसूली में अच्छी वृद्धि के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 37.5 फीसद बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1.12 लाख करोड़ रुपये का अप्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ था। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी। समीक्षाधीन

By Rajesh NiranjanEdited By: Publish:Sat, 11 Jul 2015 07:25 PM (IST) Updated:Sat, 11 Jul 2015 08:08 PM (IST)
अप्रत्यक्ष कर संग्रह 37.5 फीसद बढ़ा

नई दिल्ली। उत्पाद शुल्क की वसूली में अच्छी वृद्धि के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 37.5 फीसद बढ़कर 1.54 लाख करोड़ रुपये रहा। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 1.12 लाख करोड़ रुपये का अप्रत्यक्ष कर संग्रह हुआ था। वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी।

समीक्षाधीन अवधि के दौरान केंद्रीय उत्पाद शुल्क संग्रह 81 फीसद बढ़कर 61,661 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। पिछले साल की पहली तिमाही में यह 34,067 करोड़ रुपये रहा था। अप्रत्यक्ष कर संग्रह के इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि मैन्यूफैक्चरिंग सहित अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में स्थिति में सुधार हो रहा है। इनमें केंद्र सरकार की ओर से किए गए अतिरिक्त उपायों का असर भी दिखाई देता है। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने के साथ स्वच्छ ऊर्जा उपकर बढ़ाया है। साथ ही मोटर वाहनों तथा कंज्यूमर ड्यूरेबल्स के मामले में रियायतों को वापस लेते हुए सर्विस टैक्स की दर बढ़ाकर 14 फीसद की है। इससे अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि हुई है।

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा कि नए उपायों को छोड़ दें तो पहली तिमाही के दौरान अप्रत्यक्ष कर संग्रह में 14.5 फीसद वृद्धि हुई है। अप्रत्यक्ष करों में उत्पाद व सीमा शुल्क तथा सर्विस टैक्स शामिल होता है। जून में समाप्त पहली तिमाही में सीमा शुल्क संग्रह 20.2 फीसद बढ़कर 47,080 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 39,175 करोड़ रुपये था। सेवा कर संग्रह भी 16.4 फीसद बढ़कर 45,239 करोड़ रुपये रहा। वैसे, शुक्रवार को जारी औद्योगिक उत्पादन (आइआइपी) के आंकड़ों में चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर तीन फीसद रह गई है। जबकि बीते वित्त वर्ष अप्रैल-मई में यह 4.6 फीसद रही थी। अकेले जून में अप्रत्यक्ष कर संग्रह 33.3 फीसद बढ़कर 57,357 करोड़ रुपये रहा।

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