प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए भारत कर रहा 4 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश

Natural Gas के इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत 4 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश कर रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि साल 2030 तक उर्जा जरूरतों में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदार को दोगुना किया जाए

By Pawan JayaswalEdited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 09:18 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 09:18 AM (IST)
प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए भारत कर रहा 4 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश
प्राकृतिक गैस की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए भारत कर रहा 4 लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश

नई दिल्ली, पीटीआइ। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा है कि प्राकृतिक गैस की आपूर्ति और वितरण को बढ़ावा देने के लिए भारत इसके इन्फ्रास्ट्रक्चर में 60 अरब डॉलर (करीब 4.2 लाख करोड़ रुपये) का निवेश कर रहा है। सरकार ने वर्ष 2030 तक देश की ऊर्जा जरूरतों में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इस समय देश की ऊर्जा खपत में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 6.2 परसेंट है। कम कार्बन उत्सर्जन के कारण प्राकृतिक गैस को अपेक्षाकृत स्वच्छ ईंधन माना जाता है। सरकार भारत की ऊर्जा जरूरत में इसकी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है।

इंटरनेशनल थिंक टैंक (आइटीटी) के तीसरे सम्मेलन में प्रधान ने कहा कि सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क जल्द ही कुल आबादी का 70 परसेंट हिस्सा कवर कर लेगा। सरकार ऑयल और गैस सेक्टर में निवेश के लिए साङोदार तलाश रही है। पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि एनर्जी सेक्टर पांच टिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। बैठक के दौरान तेल कंपनियों के प्रमुखों ने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों में जीवाश्म ईंधन की खपत बढ़ाने की पूरी कोशिश करता रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऊर्जा के सभी रूपों के लिए सरकार को तुरंत एक समग्र ऊर्जा नीति बनाने की जरूरत है।

ऊर्जा चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए प्रधान ने कहा कि हमारी बढ़ती हुई जनसंख्या की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करना इस समय की सबसे बड़ी चुनौती है। ग्लोबल स्तर पर होने वाली उथल-पुथल से ऊर्जा आपूर्ति में बाधा पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमने ईरान और वेनेजुएला पर अमेरिकी प्रतिबंध और सऊदी अरब के ऑयल प्लांट पर हमले जैसे चीजें देखी हैं। इससे ऊर्जा आपूर्ति बाधित होने का खतरा रहता है। ऐसे में हमें एनर्जी सेक्योरिटी पर ध्यान देने की जरूरत है।

सीईओ मीटिंग में मोदी का कार्यक्रम रद्द

तेल व गैस क्षेत्र के प्रमुखों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोमवार को प्रस्तावित बैठक रद कर दी गई है। ऊर्जा क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी सम्मेलन सेरावीक के दौरान होने वाली इस सालाना बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम सोमवार को रखा गया था। लेकिन उनकी अन्य व्यस्तताओं के कारण इसे रद किया गया।

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