सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी, कुछ महीनों में उठाया जाएगा कदम: सूत्र

समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी कि केंद्र सरकार दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की तैयारी कर रही है और आने वाले कुछ महीनों में इस पर निर्णय लिया जा सकता है।

By Lakshya KumarEdited By: Publish:Thu, 26 May 2022 11:54 AM (IST) Updated:Fri, 27 May 2022 08:06 AM (IST)
सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी, कुछ महीनों में उठाया जाएगा कदम: सूत्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण । FM Nirmala Sitharaman (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) के निजीकरण की ओर अग्रसर है और आने वाले महीनों में उचित कदम उठाएगी। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। सूत्रों के अनुसार, सरकार दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए आगे बढ़ रही है। बता दें कि 2021-22 के केंद्रीय बजट में, सरकार ने साल के दौरान दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के रणनीतिक विनिवेश की नीति को मंजूरी दी थी।

इसके अलावा, सूत्रों ने यह भी कहा कि बीपीसीएल का विनिवेश भी होना है, जिसके लिए नई बोलियां मंगाई जाएंगी। सूत्रों ने कहा कि सरकार को बिक्री रद्द करनी पड़ी क्योंकि केवल एक बोली लगाने वाला बचा था। सरकार ने भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) में अपनी पूरी 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी और मार्च 2020 में बोलीदाताओं से अभिरुचि पत्र मांगे थे। नवंबर 2020 तक कम से कम तीन बोलियां आईं लेकिन बाद तक केवल एक ही बोलीदाता बचा।

कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकोर) की रणनीतिक बिक्री पर सूत्रों ने कहा कि कुछ मुद्दे हैं और उनके समाधान के बाद प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कैबिनेट ने नवंबर 2019 में कॉनकोर में 54.80 प्रतिशत की सरकारी इक्विटी में से प्रबंधन नियंत्रण के साथ, 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दी थी। हालांकि, बिक्री के बाद सरकार बिना वीटो पावर के 24 फीसदी हिस्सेदारी रिटेन करेगी।

सरकारी थिंक-टैंक NITI Aayog पहले ही निजीकरण के लिए विनिवेश पर सचिवों के कोर ग्रुप को दो बैंकों और एक बीमा कंपनी का सुझाव दे चुका है। सूत्रों के मुताबिक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक का निजीकरण किया जा सकता है। प्रक्रिया के अनुसार, कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का कोर ग्रुप, इसकी मंजूरी के लिए वैकल्पिक तंत्र (एएम) को अपनी सिफारिश भेजेगा और आखिर में अंतिम मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट को भेजेगा।

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