सुधारों को लागू करने में जुटा है भारत: अरुण जेटली

आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत ढांचागत क्षेत्र में बदलाव और प्रमुख सुधारों को लागू करने में जुटा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस संबंध में सरकार के हाथों में ढेर सारे काम हैं।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Tue, 19 Apr 2016 08:43 AM (IST) Updated:Tue, 19 Apr 2016 08:17 PM (IST)
सुधारों को लागू करने में जुटा है भारत: अरुण जेटली

न्यूयॉर्क, प्रेट्र। आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत ढांचागत क्षेत्र में बदलाव और प्रमुख सुधारों को लागू करने में जुटा है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इस संबंध में सरकार के हाथों में ढेर सारे काम हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक विकास में पिछले साल के मुकाबले सुधार आएगा। बीते वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की दर 7.6 फीसद रहने का अनुमान है।

यहां एशिया सोसायटी में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आगे की दिशा का जिक्र करते हुए जेटली बोले कि देश को अब भी ढांचागत बदलावों की काफी जरूरत है। सरकार ने प्रक्रियाओं को आसान, कारोबारी माहौल को सुगम बनाने और प्रणाली में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उम्मीद जताई कि बैंक्रप्सी कानून अगले कुछ हफ्तों में पारित हो जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार एक कानून को पारित करने के अंतिम चरण में है जो वाणिज्यिक कर्ज से जुड़ा है। सरकार ने मध्यस्थता कानूनों में भी बदलाव किया है। कंपनी एक्ट के कठिन प्रावधानों में संशोधन किया है। अगले कुछ सालों में कॉरपोरेट टैक्स को घटाकर 25 फीसद पर लाया जाएगा।
अप्रत्यक्ष कर के संबंध में जेटली ने कहा कि सरकार संसद में वस्तु एवं सेवा कर को पारित कराए जाने के अंतिम चरण में है। इसके बाद सहयोगी कानूनों के जरिये इसका क्रियान्वयन होगा।

उन्हें लगता है कि इन ढांचागत बदलावों को लाने में अगले कुल साल के लिए सरकार के हाथ भरे रहेंगे। इसके अलावा दो उल्लेखनीय बातों पर ध्यान दिया जा रहा है। इनमें बुनियादी ढांचे और ग्रामीण भारत में व्यय बढ़ाना शामिल है।

ग्लोबल आर्थिक हालात चिंताजनक
जेटली ने ग्लोबल आर्थिक हालात को गंभीर और चिंताजनक करार दिया है। इसके प्रतिकूल असर से बचने के लिए तमाम देशों ने अपनी सीमा में रहते हुए सुरक्षा कवच बनाया है। इसी के भीतर वे बढ़ रहे हैं। स्थितियां इस हद तक चुनौतीपूर्ण हैं कि एक-दो फीसद की आर्थिक वृद्धि को भी अच्छा माना जा रहा है।

चीन से उम्मीद बढ़ी
वित्त मंत्री ने कहा कि पहली तिमाही में चीन की अर्थव्यवस्था 6.7 फीसद बढ़ी है। यह ठीकठाक है। दुनिया के अन्य देशों की तरह चीन की भी अपनी चुनौतियां हैं। वह अपने मॉडल में बदलाव कर रहा है। इसके तहत उसका जोर घरेलू उपभोग पर है।

सुधर रहे चीन के साथ आर्थिक रिश्ते
जेटली बोले जहां तक भारत और चीन के बीच आर्थिक रिश्तों का सवाल है तो उनमें हर दिन सुधार हो रहा है। ये दोनों क्षेत्र की बहुत बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं। इनमें व्यापार रफ्तार पकड़ रहा है। व्यापार मुद्दों को सुलझाया जा रहा है। भारतीय उद्योग चीन में जड़े जमा रहे हैं। ऐसे ही भारत में भी चीन की तरफ से बड़ा निवेश हो रहा है।

राजन के बयान का खंडन
वित्त मंत्री ने परोक्ष रूप से रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के बयान का खंडन भी किया है। वह बोले कि बाकी दुनिया के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था वास्तव में सबसे तेजी से दौड़ रही है। कुछ दिन पहले राजन ने कहा था कि आर्थिक विकास के मामले में भारत की स्थिति अंधों में काने राजा जैसी है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राजन के बयान की आलोचना की थी।

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