जीएसटी: जुलाई से अक्टूबर तक निर्यातकों ने 6500 करोड़ रुपए के रिफंड के लिए किया क्लेम
व्यवसाय अपने अंतिम सेल्स रिटर्न जीएसटीआर-1 में (अगस्त) जीएसटी पोर्टल पर 4 दिसंबर तक भर सकते हैं
नई दिल्ली (पीटीआई)। देश के निर्यातकों ने जीएसटी लागू होने के बाद के पहले चार महीनों में 6,500 करोड़ रुपए के रिफंड का दावा किया है। सरकार ने आज यह जानकारी देते हुए कहा कि निर्यातकों को अपने क्लेम की जानकारी एक प्रॉपर फॉर्म में देनी चाहिए, जो कि उनके शिपिंग बिल से मैच होनी चाहिए ताकि सेटलमेंट में आसानी हो सके।
इसके साथ ही सरकार ने व्यवसायों से यह भी कहा है कि वो 4 अगस्त से जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) पोर्टल पर जीएसटी-1 में अगस्त के लिए अंतिम बिक्री आंकड़े अपलोड कर सकते हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया, “यह स्पष्ट किया जाता है कि जुलाई से अक्टूबर की अवधि के दौरान शिपिंग बिलों के माध्यम से दायर IGST रिफंड दावों की मात्रा लगभग 6,500 करोड़ रुपए की रही है और इनपुट या इनपुट सेवाओं पर अप्रयुक्त क्रेडिट रिफंड की मात्रा (जीएसटीएन पोर्टल पर दायर आरएफडी -01 ए आवेदन के अनुसार) 30 करोड़ रुपए रही है।”
सीबीईसी ने पिछले महीने वस्तुओं के उन निर्यातकों के लिए रिफंड भुगतान की शुरुआत की थी जिन्होंने इंटिग्रेटेड जीएसटी (आईजीएसटी) का भुगतान किया है और टेबल 6ए को भरकर शिपिंग बिल पर आधारित वापसी (रिफंड) का दावा किया है। वहीं इस महीने की शुरुआत में विभाग ने उन सभी व्यवसायों, जो जीरो रेटेड सप्लाई के दायरे में आते हैं या वो जिन्होंने निर्यात पर आईजीएसटी का भुगतान किया है या वो जो इनपुट क्रेडिट का दावा करना चाहते हैं को फॉर्म RFD-01A भरने की अनुमति दी है।