आम बजट 2017: मिडिल क्लास को इस तरह खुश कर सकते हैं अरुण जेटली

आम बजट 2017 में वित्त मंत्री मिडिल क्लास को राहत देने के लिए कई बड़े कदम उठा सकते हैं।

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Tue, 17 Jan 2017 05:02 PM (IST) Updated:Thu, 19 Jan 2017 02:40 PM (IST)
आम बजट 2017: मिडिल क्लास को इस तरह खुश कर सकते हैं अरुण जेटली
आम बजट 2017: मिडिल क्लास को इस तरह खुश कर सकते हैं अरुण जेटली

नई दिल्ली। मेट्रो और सेमी अर्बन (अर्ध शहरी) क्षेत्रों में रहने वाले मध्यवर्ग को साल 2017 के आम बजट से काफी उम्मीदे हैं, क्योंकि यह वह तबका है जिसे नोटबंदी के फैसले की वजह से सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। वित्त मंत्री अरुण जेटली अपने बजट में कई तरीकों से देश के इस मध्य वर्ग को खुश कर सकते हैं। मध्य वर्ग को अगर कर प्रोत्साहन दिया जाता है तो वो बचत के लिए प्रेरित होते हैं जिसे निवेश कर वो ग्रोथ के इंजन को ईंधन देने का काम करते हैं। जानिए देश के मध्यवर्ग (मिडिल क्लास) को खुश करने के लिए वित्त मंत्री साल 2017 के बजट में क्या कुछ कर सकते हैं।

कर योग्य आय की न्यूनतम सीमा बढ़ाई जाए:

वित्त मंत्री अपने इस बजट में कर योग्य आय की न्यूनतम सीमा को बढ़ा सकते हैं, जिसकी उम्मीद काफी सारे लोगों को है। मौजूदा समय में यह सीमा 2.5 लाख रुपए है, करदाताओं को उम्मीद है कि इस सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक किया जा सकता है। वित्त मंत्री के इस कदम से सबसे ज्यादा उस मध्यवर्ग को होगा जो इस न्यूनतम सीमा के चलते ज्यादा सेविंग्स नहीं कर पाता है।

टैक्स स्लैब का पुर्नगठन किया जाए:

टैक्स स्लैब में पुर्नगठन करने से सबसे बड़ा फायदा शहरी मध्य वर्ग को होगा। मौजूदा समय में 2.5 लाख से 5 लाख तक की सालाना आमदनी पर 10 फीसदी का कर लगाया जाता है, 5 लाख से 10 लाख की आमदनी पर 20 फीसदी और 10 लाख से ऊपर की आमदनी पर 30 फीसदी का कर लगाया जाता है। शुरुआती दो स्लैब में कम कर लगाया जा सकता है।

भत्तों पर छूट की सीमा बढ़ाई जाए:

वैतनिक कर्मचारी तमाम तरह के भत्तों पर छूट का फायदा उठाते हैं जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, वाहन, चिकित्सा प्रतिपूर्ति, मकान किराया और यात्रा किराया। इस पर मिलने वाली छूट की सीमा लंबे समय से जस की तस है। इसे महंगाई के हिसाब से संशोधित किए जाने की जरूरत है।

बढ़ सकती है धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट की सीमा:

मौजूदा समय में आयकर की धारा 80सी के तहत 150,000 से 300,000 तक आयकर अधिनियम लागू होता है। अगर जेटली इस सीमा को बढ़ाते हैं इससे हाउसहोल्ड सेविंग को बढ़ावा मिलेगा और इस रकम को कहीं और निवेश कर लोग इकॉनमी की ग्रोथ को ही बल देंगे।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए छूट की सीमा बढ़ाई जाए:

मौजूदा समय में सीनियर सिटिजन (60 से 80 वर्ष) के लिए 300,000 की और सुपर सीनियर सिटिजन (80 वर्ष के ऊपर) 500,000 रुपए तक छूट की सीमा है इसे बढ़ाकर क्रमश: 400,000 और 650,000 रुपए किया जाना चाहिए।

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