इस वर्ष पहली तिमाही में 17.71 फीसद बढ़ा हवाई यातायात

जनवरी-अप्रैल, 2017 के दौरान घरेलू एयरलाइनों में 364.13 लाख लोगों ने यात्र की है

By Surbhi JainEdited By: Publish:Fri, 19 May 2017 11:48 AM (IST) Updated:Fri, 19 May 2017 11:48 AM (IST)
इस वर्ष पहली तिमाही में 17.71 फीसद बढ़ा हवाई यातायात
इस वर्ष पहली तिमाही में 17.71 फीसद बढ़ा हवाई यातायात

नई दिल्ली (जेएनएन)। इस साल पहली तिमाही में घरेलू हवाई यातायात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 17.71 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई। विमानन नियामक डीजीसीए की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-अप्रैल, 2017 के दौरान घरेलू एयरलाइनों में 364.13 लाख लोगों ने यात्र की। पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा 309.35 लाख यात्रियों का था। इस साल मार्च में 79.32 लाख यात्री ढोए गए थे, जबकि अप्रैल में यह संख्या बढ़कर 91.34 लाख हो गई।

पैसेंजर लोड फैक्टर: मार्च और अप्रैल के दौरान स्पाइसजेट का पीएलएफ (पैसेंजर लोड फैक्टर) सबसे अच्छा रहा। उसने मार्च में 91.4 तथा अप्रैल में 93.4 फीसद पीएलएफ हासिल किया। दूसरे नंबर पर एयर एशिया रही, जिसका पीएलएफ क्रमश: 87.8 तथा 90.1 फीसद रहा। इंडिगो का पीएलएफ 81.6 तथा 86.9 तथा गो एयर का 84.8 तथा 84.7 फीसद रहा। विस्तारा ने 82.2 और 83.6 फीसद पीएलएफ हासिल किया। जबकि एयर इंडिया को 74.6 तथा 78.7 फीसद पीएलएफ से संतोष करना पड़ा। टूरिस्ट सीजन होने के कारण प्राय: सभी एयरलाइनों के पीएलएफ में बढ़ोतरी हुई है।

ऑनटाइम परफॉरमेंस: चार प्रमुख मेट्रो (दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु व हैदराबाद) एयरपोर्ट पर समय पालन यानी ऑनटाइम परफॉरमेंस (ओटीपी) के मामले में विस्तारा 87.4 फीसद के साथ अव्वल रही। इसके बाद स्पाइसजेट (85.4), इंडिगो (85.2), एयर इंडिया (83.9), गो एयर (80.4) तथा जेट एयरवेज व जेटलाइट (78.7) का स्थान रहा। हवाई अड्डों में बेंगलुरु से सबसे ज्यादा 93.6 फीसद उड़ानें समय पर हुईं। इसके बाद हैदराबाद (88.6), दिल्ली (84.6) और मुंबई (78.9) का नंबर रहा।

अप्रैल, 2017 में कुल 643 यात्रियों ने सेवाओं को लेकर शिकायत दर्ज कराई। इनमें प्रति एक हजार यात्रियों पर सबसे ज्यादा 19 शिकायतें एयर इंडिया के खिलाफ थीं। इसके बाद 13 शिकायतें जेट एयरवेज व जेटलाइट, 7 गो एयर, 6 एयर एशिया, 5 स्पाइसजेट, 4 ट्रूजेट, 2 इंडिगो तथा एक शिकायत विस्तारा के विरुद्ध थी। ज्यादातर शिकायतें बैगेज देर से मिलने या सामान चोरी होने (28 फीसद), ग्राहक सेवा में कमी (25.7 फीसद) अथवा उड़ान में देरी या तकनीकी खामियों (22.4 फीसद) को लेकर थीं। अन्य शिकायतों का संबंध कर्मचारियों के व्यवहार, रिफंड तथा अन्य विविध समस्याओं से था।

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