Oil Price: तेल की कीमतों पर दो दिनों में मिलीं दो 'खुशखबरी'

चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के फिर से बढ़ने और रूस-यूक्रेन के बीच शांति वार्ता के कारण कच्चे तेल की कीमतों में राहत देखने को मिली है। बीते दो सप्ताह में पहली बार दाम 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे गए हैं।

By Lakshya KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Mar 2022 12:35 PM (IST) Updated:Tue, 15 Mar 2022 12:35 PM (IST)
Oil Price: तेल की कीमतों पर दो दिनों में मिलीं दो 'खुशखबरी'
Oil Price: तेल की कीमतों पर 'खुशखबरी', यूक्रेन युद्ध के बावजूद दो सप्ताह के निचले स्तर तक गिरे दाम

टोक्यो, रॉयटर्स। तेल की कीमतों में मंगलवार को और गिरावट देखी गई, जो दो सप्ताह के निचले स्तर पर आ गई। दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत के कारण युद्ध की स्थिति में सुधार की संभावनाएं जगी हैं, जिससे आपूर्ति बाधित होने की आशंका कम हुई है। इसके साथ ही, चीन में कोरोना मामलों में वृद्धि ने तेल की मांग कम होने की चिंताओं को हवा दे दी। सत्र में ब्रेंट फ्यूचर्स पहले 6 डॉलर से ज्यादा की गिरावट के साथ 100.05 डॉलर पर था, जो बाद में 4.74 डॉलर या 4.4 फीसदी गिरकर 102.16 प्रति बैरल (0445 GMT) हो गया।

यूएस वेस्ट टेक्सस इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 1 मार्च के बाद पहली बार 100 डॉलर के स्तर से नीचे आया। इसमें 4.58 डॉलर या 4.2 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जिससे यह 98.43 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। इससे पहले सत्र में यह 96.70 डॉलर तक गिर गया था। पिछले दिन दोनों बेंचमार्क में 5% से अधिक की गिरावट आई, जिसमें ब्रेंट 5.1 प्रतिशत और WTI 5.8 प्रतिशत गिरा था। इस तरह से दोनों दिनों में तेल की कीमतों में गिरावट देखी गई है।

फुजितोमी सिक्योरिटीज को लिमिटेड के एक विश्लेषक तोशिताका तजावा ने कहा, "रूस-यूक्रेन युद्धविराम वार्ता में सकारात्मक विकास की उम्मीदों ने वैश्विक कच्चे तेल के बाजार में जकड़न कम होने की उम्मीदों को बल मिला है।" उन्होंने कहा, "चीन में COVID-19 महामारी पर अंकुश लगाने के लिए नए लॉकडाउन ने भी धीमी मांग को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं।"

गौरतलब है कि चीन में मंगलवार को दैनिक कोरोना मामलों में भारी उछाल देखा गया। एक दिन पहले के मुकाबले दोगुने नए मामले आए, जो दो साल का उच्च स्तर है। देश के उत्तर-पूर्व में वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ा है।

इंडियन ऑयल ने खरीदा रूस से कच्चा तेल

इंडियन आयल ने सोमवार को वायटोल (Vitol) के साथ 3 मिलियन बैरल रूसी तेल का सौदा किया है, जिसकी आपूर्ति मई में की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, फरवरी में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद यह पहला सौदा है। यह सौदा ऐसे समय में किया गया है, जब अमेरिका ने रूसी तेल आयात को बैन कर दिया है और यूरोपीय देश भी ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं।

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