साइरस मिस्त्री बोले टाटा स्टील की यूरोपीय इकाई का घाटा समूह के लिए जोखिम भरा

साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच जारी बोर्डरूम-विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है

By Surbhi JainEdited By: Publish:Wed, 07 Dec 2016 11:04 AM (IST) Updated:Wed, 07 Dec 2016 03:28 PM (IST)
साइरस मिस्त्री बोले टाटा स्टील की यूरोपीय इकाई का घाटा समूह के लिए जोखिम भरा

नई दिल्ली: साइरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच जारी बोर्डरूम-विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। घाटे में चल रहे यूरोपीय कारोबार से निपटने के अपने तरीके का बचाव करते हुए मिस्त्री ने कहा कि टाटा समूह ने टाटा स्टील यूरोप के परिचालन में जो भारी पूंजी लगाई है, उस पर घाटा होना समूचे समूह के सामने जोखिम भरा है। गौरतलब है कि बीते 24 अक्टूबर को साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाया गया था। इसके बाद उन्हें टीसीएस और टाटा ग्लोबल बेवरेज के चेयरमैन पद से भी हटाया गया था।

टाटा संस की ओर से साइरस मिस्त्री को टाटा स्टील के निदेशक पद से हटाने के प्रयासों के बीच मिस्त्री ने कंपनी के प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका और खास कर कंपनी के घाटे में चल रहे यूरोपीय कारोबार से निपटने के अपने तरीके का बचाव किया। मिस्त्री ने कहा कि टाटा समूह ने टाटा स्टील यूरोप के परिचालन में जो भारी पूंजी लगाई है, उस पर घाटा होना समूचे समूह के सामने जोखिम भरा है।

आपको बता दें कि मिस्त्री टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस और विभिन्न कारोबारी कंपनियों के चेयरमैन पद से हटाए जा चुके हैं और अब उन्हें कंपनियों के निदेशक मंडल से हटाने का प्रस्ताव है। उन्होंने इन आरोपों को खारिज किया कि उनके नेतृत्व में टाटा स्टील के निदेशक मंडल ने ब्रिटेन के निवेश को लघु अवधि के नफे-नुकसान के चश्मे से देखा।

मिस्त्री ने कहा कि यह सच से काफी दूर है। टाटा स्टील की असाधारण आम बैठक से पहले निदेशक मंडल को लिखे पत्र में मिस्त्री ने कहा कि इस कदम का एकमात्र आधार उन्हें टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाना है, जिसकी शुरुआत ही गैरकानूनी है। यह बैठक 21 दिसंबर को होनी है और इसमें मिस्त्री को कंपनी के निदेशक मंडल से हटाने के प्रस्ताव पारित कराया जाना है।

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