COVID-19: कंपनियों ने बिजनेस जारी रखने को लिया टेक्नोलॉजी का सहारा, जानिए कॉरपोरेट वर्ल्ड का न्यू नॉर्मल
कोविड-19 महामारी से पिछले एक साल में लाखों लोगों की मौत हुई है। इतना ही नहीं है इस महामारी की वजह से पिछले एक साल में करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई हैं। दूसरी ओर इस महामारी ने पूरी दुनिया का समीकरण एक झटके में बदलकर रख दिया।
नई दिल्ली, अंकित कुमार। कोविड-19 महामारी से पिछले एक साल में लाखों लोगों की मौत हुई है। इतना ही नहीं है, इस महामारी की वजह से पिछले एक साल में करोड़ों लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई हैं। दूसरी ओर, इस महामारी ने पूरी दुनिया का समीकरण एक झटके में बदलकर रख दिया। विभिन्न बिजनेसेज को ऐसे बदलावों को आनन-फानन में अपनाना पड़ा जिसके बारे में उन्होंने परिकल्पना भी नहीं की थी। इस महामारी ने हमारी जीवनशैली को पूरी तरह बदल दिया और हमने जीवन-यापन के नए तरीकों को अपनाया। इसमें टेक्नोलॉजी का रोल सबसे अहम रहा। कारोबारी घरानों, नए बिजनेसेज से लेकर स्थानीय व्यापारियों तक ने टेक्नोलॉजी की मदद से अपने बिजनेस का परिचालन किया।
अचानक आए कुछ बदलाव तो अस्थायी हैं लेकिन कुछ परिवर्तन अब हमेशा के लिए बने रहने वाले हैं।
रियल एस्टेट बिल्डर्स के संगठन नारेडको के प्रेसिडेंट और हीरानंदानी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर निरंजन हीरानंदानी ने कहा, ''महामारी के दौरान कारोबारी गतिविधियां मुख्य रूप से तीन वजहों से टेक्नोलॉजी मोड में शिफ्ट हो गईं। पहली वजह यह है कि ऊंची इमारतों के निर्माण में टेक्नोलॉजी पर आधारित ऑटोमेशन की जरूरत ज्यादा पड़ती है। नई पीढ़ी के मकान खरीदार बहुत टेक सैवी हैं और प्रोपर्टी की वेबसाइट पर जाने से पहले ऑनलाइन रिसर्च करते हैं। महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के चलते कंपनियों ने संवाद जारी रखने के लिए मार्केटिंग में डिजिटल मोड का ज्यादा इस्तेमाल किया।''
हीरानंदानी ने इसके लिए अपनी कंपनी का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कंपनी ने मार्केटिंग से जुड़ी गतिविधियों के लिए ऑगमेंटेंड और वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया। इसके तहत संभावित मकान खरीदारों को मकान के 3D व्यूज उपलब्ध कराए गए। लोगों को ड्राइंग, लेआउट और इंवेट्री से जुड़ी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध करायी गई। इससे रियल एस्टेट बिजनेस में बहुत अधिक बदलाव देखने को मिला।
जाने-माने तकनीकविद बालेन्दु शर्मा दाधीच ने इस बारे में कहा कि कोविड-19 के बाद के काल में सबसे बड़ा बदलाव टेक्नोलॉजी को अपनाने को लेकर आया। इन बदलावों को कंपनियों को वैसे तो मजबूरन अपनाना पड़ा क्योंकि बहुत सारे बिजनेसेज ने इस बारे में सोचा नहीं था। हालांकि, परिस्थितिवश नई टेक्नोलॉजी को अपनाने के अलावा कंपनियों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। टेक्नोलॉजी ने कोविड-19 के मुश्किल समय में लोगों को दफ्तर जैसा माहौल दे दिया। टेक्नोलॉजी को अपनाने की जरूरत भले ही परिस्थितियों के कारण पड़ी लेकिन बाद में बात काफी आगे निकल गई। टेक्नोलॉजी ने अब हमारे काम करने के तौर-तरीके को हमेशा के लिए बदल दिया है।
दाधीच ने जोर देकर इस बात को कहा कि Collabration से जुड़ी तकनीकें तो पहले भी आ गई थीं, करीब दो दशक पहले आ गई थीं। लेकिन भारत जैसे देशों में उनको अपनाया नहीं जा रहा था। चूंकि हमारे यहां जागरुकता कम थी, निवेश भी कम था तो जब कोविड से जुड़ी परिस्थितियां पैदा हुईं तो हमारे यहां की विभिन्न संस्थाओं, सरकारी मशीनरी और कंपनियों ने कामकाज को जारी रखने का विकल्प तलाशना शुरू कर दिया। ऐसे में तकनीक सबसे सशक्त माध्यम के रूप में सामने आया और लोगों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि एक बार परिस्थितिवश नए तरह के बदलाव आने के बाद लोगों को लगा कि इसमें बहुत लाभ है।
इसके सबसे बड़े लाभ की बात की जाए तो रिमोट वर्क का जिक्र सबसे पहले आता है। लोगों ने जब इसे आजमाया तो उन्होंने यह महसूस किया कि उनकी प्रोडक्टिविटी का ज्यादातर काम और खासकर अपरिहार्य कार्य वो नहीं रूका और टेक्नोलॉजी की बदौलत वह चलता रहा। इसी काल में Microsoft Meet, Zoom, WebeX जैसे प्रोडक्ट्स आए।
नए वर्क कल्चर से दफ्तरों के परिचालन लागत में कमी आ गई। लोगों के आने-जाने या परिवहन की लागत में कमी आई।
दाधीच ने कहा कि नए वर्क कल्चर में कुछ लोगों की नौकरियां भी गई हैं लेकिन ये अस्थायी है, जो लोग भी टेक्नोलॉजी को अपनाएंगे और अपने स्किल को और अपग्रेड करेंगे, उनके लिए अवसरों के नए द्वार खुलेंगे।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर आधारित हाइपरलोकल डिलिवरी ऐप Humhain के सीईओ और फाउंडर मिलिंद क्वात्रा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उनकी कंपनी ने लोगों को दवाई, ग्रॉसरी और अन्य जरूरी सामान पहुंचाने में मदद की। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर उन्होंने मामूली खर्च पर लोगों के सामान को भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाया।
Grafdoer के फाउंडर और सीईओ विनय जैन ने कहा कि 2020 में जब कोविड-19 के मामले बढ़ रहे थे हम लोगों ने नई तकनीक पर आधारित कई तरह के सेनेजाइजेशन से जुड़े प्रोडक्ट पेश किए। हमने सेंसर पर आधारित ऑटोमैटिक सेंसर Faucet, ऑटोमैटिक सोप/ सेनिटाइजर डिस्पेंसर और डिसइंफेक्टैंट्स पेश किए।