खरीफ सीजन में बंपर पैदावार की उम्मीद, अब तक 22 लाख हेक्टेअर में हुई रोपाई

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक सितंबर तक देश के सभी इलाकों में अच्छी बारिश होगी। अब तक करीब 22 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई हुई है।

By Lalit RaiEdited By: Publish:Sat, 23 Jul 2016 01:35 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jul 2016 02:13 AM (IST)
खरीफ सीजन में बंपर पैदावार की उम्मीद, अब तक 22 लाख हेक्टेअर में हुई रोपाई

नई दिल्ली[एस पी सिंह]। पिछले दो सालों के लगातार सूखे जैसी स्थिति के बाद चालू खरीफ सीजन में बंपर पैदावार की उम्मीद है। दक्षिण-पश्चिम मानसून की सक्रियता के चलते धान रोपाई की रफ्तार ने तेजी पकड़ ली है। सरकार ने संसद में भरोसा जताया है कि मानसून की अच्छी बारिश के अगले दो महीने तक जारी रहने का अनुमान है। इससे खरीफ फसलों की पैदावार में पर्याप्त सुधार होने की उम्मीद है, जो पिछले सीजन के मुकाबले कहीं अधिक होगी।

संसद में पूछे एक लिखित सवाल के जवाब में कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने बताया कि जून में मानसून की सक्रियता के साथ ही फसलों की बुवाई शुरु हो गई थी। जबकि धान की रोपाई की रफ्तार तेज हो गई है। कृषि मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक चालू सप्ताह तक 1.83 करोड़ हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले अधिक है। जबकि दालों की बढ़ी कीमतों और समर्थन मूल्य में वृद्धि के मद्देनजर दलहन फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले डेढ़ गुनी यानी 90 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है।

राज्यसभा में पूछे सवाल के जवाब में सरकार ने बताया कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आने वाले दिनों में भी मानसून के बेहतर रहने की उम्मीद है। इससे स्पष्ट है कि खरीफ सीजन की फसलों की पैदावार में भारी सुधार होगा। खरीफ फसलों की बुवाई का कुल रकबा पिछले साल के मुकाबले 22 लाख हेक्टेयर अधिक है। बीते साल अब तक 6.71 करोड़ हेक्टेयर भूमि में बुवाई हुई थी, जबकि चालू सीजन में 6.93 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। चालू सीजन की पैदावार का अधिकृत पहला अग्रिम अनुमान सितंबर में आएगा।

मौसम विभाग ने अगस्त और सितंबर में और अच्छी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है, जो पिछले दो सालों के सूखे जैसी स्थिति के बाद होगा। दलहन फसलों में किसानों का सबसे अधिक जोर अरहर और उड़द की खेती पर है। अरहर की बुवाई जहां 36 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, वहीं उड़द 23 लाख हेक्टेयर में। यह पिछले सालों में हुई बुवाई रकबा के मुकाबले डेढ़ गुना हो गई है।बेहतर मानसून की वजह से कपास और गन्ने को छोड़कर बाकी सभी फसलों की खेती का रकबा बढ़ रहा है। मोटे अनाज वाली फसलों का रकबा 1.26 करोड़ हेक्टेयर के मुकाबले 1.31 करोड़ हेक्टेयर हो चुका है। जबकि तिलहन फसलों की खेती 1.43 करोड़ हेक्टेयर के मुकाबले 1.49 करोड़ हेक्टेयर हो गया है।

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