केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले बल्ले, मिलेगा दो साल का बोनस

सरकार ने सुझाव समिति द्वारा प्रस्तावित गैर कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर को 246 रूपये से बढ़ाकर 350 रूपये प्रतिदिन करने का फैसला किया है।

By Atul GuptaEdited By: Publish:Tue, 30 Aug 2016 04:44 PM (IST) Updated:Tue, 30 Aug 2016 09:17 PM (IST)
केंद्रीय कर्मचारियों की बल्ले बल्ले, मिलेगा दो साल का बोनस

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को वित्त वर्ष 2014-15 और 2015-16 के लिए संशोधित नियमों के आधार पर बोनस भी देगी। सरकार ने बोनस संशोधन कानून भी सख्ती से लागू करने का आश्वासन दिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में यह आश्वासन भी दिया कि सरकार उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में लंबित बोनस के भुगतान से जुड़े मामलों के हल के लिए आवश्यक कदम उठाएगी।

माना जा रहा है कि सरकार के केंद्रीय कर्मियों को बोनस देने के इस कदम से सरकारी खजाने पर हर साल 1920 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा।

बुधवार को केंद्रीय कर्मी होंगे मालामाल

केंद्रीय कर्मचारियों के खाते में बुधवार को बढ़ा हुआ वेतन एरियर समेत आ जाएगा। देश के करीब 47 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और करीब 53 लाख पेंशनधारियों को सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और सरकारी बदलावों के बाद बढ़ी हुए वेतन का इंतजार आखिरकार बुधवार को खत्म हो रहा है। सभी केंद्रीय कर्मचारियों के खाते में बुधवार को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से बढ़ा हुआ वेतन बुधवार को आ जाएगा। इससे पहले ही सभी विभागों ने अपने-अपने कर्मचारियों को उनके वेतनमान के अनुरूप पे-स्लिप दे दी है। यह प्रक्रिया पिछले 20 दिनों में ही पूरी कर ली गई है। कर्मचारियों को पूरा एरियर एक ही किस्त में मिलेगा। 1 जनवरी 2016 से दिए जाने वाले नए वेतन ढांचे में 125 प्रतिशत का महंगाई भत्ता शामिल होगा। यह महंगाई भत्ता पुराने वेतन का हिस्सा है। नए वेतनमानों के साथ महंगाई भत्ते की पहली किस्त के बारे में घोषणा बाद में की जाएगी।

न्यूनतम दिहाड़ी अब 350 रुपये

केंद्र सरकार ने न्यूनतम दैनिक मजदूरी 246 रुपये से बढ़ाकर 350 रुपये करने का फैसला किया है। इस कदम से देशभर के गैर-कृषि मजदूरों को लाभ होगा। जेटली ने कहा कि सरकार ने सी श्रेणी के क्षेत्रों में गैर कृषि मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी 350 रुपये प्रतिदिन तय की है। ठेका कर्मचारियों और उनकी भर्ती करने वाली एजेंसी का पंजीकरण अनिवार्य है और राज्यों को अनिवार्य रूप से इसका पालन करने की सलाह दी जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि अंतर मंत्रालयी समिति ने पिछले डेढ़ साल में सभी केंद्रीय श्रम संगठनों के साथ बैठक की है। श्रम संगठनों ने विभिन्न मांगें सरकार के समक्ष रखीं। सरकार ने उनकी सिफारिशों के आधार पर कुछ निर्णय किए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने यह कदम 10 केंद्रीय श्रम संगठनों ने दो सितंबर को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल से ऐन पहले उठाया है।

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