कॉल ड्रॉप पर चलने लगा सरकार का चाबुक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कॉल ड्रॉप की समस्या पर बार बार उठाने के बाद दूरसंचार विभाग (डॉट) भी अब कड़ाई करने पर उतर आया है।

By Test1 Test1Edited By: Publish:Thu, 10 Sep 2015 10:01 PM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2015 10:23 PM (IST)
कॉल ड्रॉप पर चलने लगा सरकार का चाबुक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कॉल ड्रॉप की समस्या पर बार बार उठाने के बाद दूरसंचार विभाग (डॉट) भी अब कड़ाई करने पर उतर आया है। गुरुवार को डॉट ने देश की दिग्गज मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों के मालिकों को निर्देश दिया कि अब उन्हें कॉल ड्रॉप रोकने के लिए अपने स्तर पर सीधे कद उठाने होंगे।

डॉट सचिव राकेश गर्ग ने रिलायंस कम्यूनिकेशंस के अनिल अंबानी, भारती एयरटेल के सुनील मित्तल, आइडिया की प्रमोटर कंपनी आदित्य बिड़ला समूह के प्रमुख कुमार मंगलम बिड़ला व वोडाफोन के लंदन स्थित ग्लोबल सीईओ वी कोलाओ को फोन किया। इस दौरान गर्ग ने उक्त सभी को कॉल ड्रॉप की समस्या पर लगाम लगाने की नसीहत दे डाली। यह अपनी तरह का पहला मौका है जब केंद्र की तरफ से टेलीकॉम कंपनियों के प्रमुखों को सीधे ऐसा निर्देश दिया गया है।

डॉट सचिव ने इन उद्योगतियों को यह भी बताया कि अगर वे कॉल ड्रॉप की समस्या पर रोक नहीं लगा पाते हैं, तो उन्हें भारी भरकम जुर्माना भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। दूरसंचार क्षेत्र के नियामक ट्राई ने इस बारे में प्रस्ताव तैयार कर लिया है। ट्राई चेयरमैन आरएस शर्मा ने गुरुवार को यहां बताया कि पेनाल्टी लगाने को लेकर अक्टूबर मध्य तक अंतिम सिफारिश दे देंगे। उसके बाद सरकार को इस बारे में कदम उठाना होगा। ट्राई प्रमुख ने बुधवार को मोबाइल सेवा देने वाली कंपनियों के प्रमुखों के साथ इस विषय पर बैठक भी की थी।

कॉल ड्रॉप की समस्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। बीते दिन कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे उठाते हुए कहा था कि यह देश के लिए अपमानजनक है। इसके बाद संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी मोबाइल कंपनियों को चेताया था उन्हें सेवा की गुणवत्ता बढ़ानी होगी। इसके अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं है। डिजिटल इंडिया के नारे के बीच कॉल ड्रॉप की समस्या से सरकार का शीर्ष नेतृत्व खासा असहज और नाराज है। इसलिए अब कंपनियों को मंत्रालय की तरफ से दो टूक चेतावनी दी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि यदि हालात नहीं सुधरे तो सरकार कड़ी कार्रवाई से नहीं हिचकेगी, उसके संयम की सीमा अब समाप्त हो रही है।

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