बैंकों ने आरबीआई से किया आग्रह, अभी बनी रहे नकद निकासी की सीमा

बैंकों ने बकायदा आरबीआइ से भी आग्रह किया है कि अभी नकदी निकालने की मौजूदा सीमा ही जारी रहनी चाहिए

By Surbhi JainEdited By: Publish:Fri, 23 Dec 2016 11:08 AM (IST) Updated:Fri, 23 Dec 2016 11:09 AM (IST)
बैंकों ने आरबीआई से किया आग्रह, अभी बनी रहे नकद निकासी की सीमा

नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। सात दिनों बाद यानी 30 दिसंबर को नोटबंदी की समयसीमा समाप्त हो रही है। इसके बाद बैंक खाते से मर्जी से नोट निकालने के मुद्दे पर सरकार और रिजर्व बैंक (आरबीआइ) खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे। लेकिन खुद बैंक नहीं चाहते कि खाते से नोट निकासी सीमा में फिलहाल कोई ढील दी जाए। इस बारे में बैंकों ने बकायदा आरबीआइ से भी आग्रह किया है कि अभी नकदी निकालने की मौजूदा सीमा ही जारी रहनी चाहिए।

बैंकों को दो बातों का डर है। एक तो उन्हें लगता है कि अभी अगले सात-आठ दिनों में नकदी आपूर्ति की स्थिति में बहुत सुधार होने की गुंजाइश नहीं है। देश के अधिकांश हिस्सों में बैंक आरबीआइ की तरफ से तय सीमा 24 हजार रुपये की राशि भी नहीं दे पा रहे हैं। केंद्रीय बैंक की तमाम करेंसी चेस्टों से हर बैंक शाखा को अभी सीमित मात्र में ही नकदी मिल रही है। बैंकों के आग्रह के पीछे दूसरी वजह यह है कि उन्हें यह डर भी सता रहा है कि अगर सीमा हटने के बाद पैसा निकालने के लिए ग्राहकों का बड़ा हुजूम न उमड़ पड़े। इससे न सिर्फ भीड़ नियंत्रण की दिक्कतें होंगी, बल्कि पर्याप्त नकदी नहीं होने की वजह से दूसरी परेशानी भी होंगी।

सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी को लेकर दो दिन पहले ही बैंक प्रमुखों की आरबीआइ के गवर्नर उर्जित पटेल व सभी डिप्टी गवर्नरों के साथ बैठक हुई थी। इसमें ही बैंकों ने यह कहा कि उनके हिसाब से अभी खातों से नकदी निकासी की सीमा हटाने का सही समय नहीं है। इसलिए नकदी निकासी पर लगी पाबंदी लागू रहनी चाहिए। वैसे कुछ दिन पहले जब पटेल से इस बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि वे नोट निकासी पर लगी बंदिश हटाने को लेकर अभी कोई वादा नहीं कर सकते। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्र सरकार इस बारे में 30 दिसंबर के आसपास ही फैसला करेगी।

सीमा हटी तो हो सकती है मुश्किल
आरबीआइ ने बुधवार को बताया है कि आठ नवंबर को नोटबंदी लागू होने के बाद से 19 दिसंबर तक 5.92 लाख करोड़ रुपये के नए नोट बैंकों को जारी किए गए हैं। बाजार से वापस आए पांच सौ व हजार के पुराने नोटों के बारे में केंद्रीय बैंक ने कुछ नहीं कहा है। माना जा रहा है कि वापस आई यह राशि फिलहाल 13 लाख करोड़ रुपये के करीब हो सकती है। बैंकों को इसी बात का डर है कि जिन लोगों ने पैसे जमा कराए हैं, वे इसे निकालना न शुरू कर दें। अगर ऐसा हुआ तो विकट स्थिति पैदा हो सकती है।

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