Air India की डील से एविएशन इंडस्‍ट्री पर फिर छाएंगे Tata, रतन टाटा बोले-वेलकम एयर इंडिया

Air India की डील टाटा सन्‍स की इकाई Talace Pvt Ltd ने 18000 करोड़ रुपए में जीत ली है। Air India पर भारी कर्ज के कारण सरकार ने इसका विनिवेश किया है। हालांकि Talace Pvt Ltd का कारोबार विस्‍तार जबर्दस्‍त होगा।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Fri, 08 Oct 2021 05:16 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 07:51 AM (IST)
Air India की डील से एविएशन इंडस्‍ट्री पर फिर छाएंगे Tata, रतन टाटा बोले-वेलकम एयर इंडिया
रतन टाटा ने Twitter पर यह तस्‍वीर शेयर की है। (@RatanTata)

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Air India की डील टाटा सन्‍स की इकाई Talace Pvt Ltd ने 18000 करोड़ रुपए में जीत ली है। Air India पर भारी कर्ज के कारण सरकार ने इसका विनिवेश किया है। हालांकि Talace Pvt Ltd का कारोबार विस्‍तार जबर्दस्‍त होगा। उसे घरेलू हवाई अड़्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट के साथ ही विदेशों में 900 स्लॉट पर नियंत्रण मिलेगा।

रतन टाटा का ट्वीट

इस डील पर खुशी जाहिर करते हुए रतन टाटा ने वेलकम Air India कहते हुए Tweet किया। साथ ही बरसों पुरानी तस्‍वीर शेयर की। 

Welcome back, Air India 🛬🏠 pic.twitter.com/euIREDIzkV

— Ratan N. Tata (@RNTata2000) October 8, 2021

54584 करोड़ रुपए का कैश सपोर्ट

उधर, समाचार एजेंसी Ani ने दीपम सचिव तुहिन कांत पांडेय के हवाले से कहा कि सरकार ने 2009-10 से इस एयरलाइन को संभालने के लिए 54584 करोड़ रुपए का कैश सपोर्ट दिया। वहीं 55,692 करोड़ रुपए का गारंटी सपोर्ट दिया गया। यह रकम जोड़कर 1,10,276 करोड़ रुपए बनती है।

60 हजार करोड़ का बोझ

इस नीलामी में सस्ती सेवाएं देने वाली इसकी अनुषंगी एयर इंडिया एक्सप्रेस और माल एवं यात्री सामान चढ़ाने उतारने वाली साझा इकाई एआईएसएटीएस की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी भी शामिल है। कंपनी पर कुल संचित कर 60,000 करोड़ रुपये का बोझ है। नागर विमानन मंत्री हरदीप पुरी ने पहले कहा था कि एयर इंडिया का निजीकरण करने या इसे बंद करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।

2007 से घाटे में है एयरलाइन

विमानन कंपनी 2007 में घरेलू परिचालक इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से घाटे में है। कोविड-19 महामारी के कारण हिस्सेदारी बिक्री प्रक्रिया में देरी हुई और सरकार ने प्रारंभिक बोलियां प्रस्तुत करने की समय सीमा को पांच बार बढ़ाया। पिछले साल दिसंबर में घाटे में चल रही एयर इंडिया को खरीदने के लिए लगाई शुरुआत की गई थी। इस डील के लिए Spicejet ने भी बोली लगाई थी, लेकिन डील टाटा की झोली में गिरी।

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