दस साल बाद एयर डेक्कन की पहली फ्लाइट ने भरी उड़ान

एयर डेक्कन के चेयरमैन कैप्टन जी. आर. गोपीनाथ ने कहा, ‘मेरे पास फिर पूरे देश में परिचालन शुरू करने का मौका है। हमारी प्रतिस्पर्धा बड़ी कंपनियों से नहीं है

By Praveen DwivediEdited By: Publish:Sun, 24 Dec 2017 03:49 PM (IST) Updated:Sun, 24 Dec 2017 03:49 PM (IST)
दस साल बाद एयर डेक्कन की पहली फ्लाइट ने भरी उड़ान
दस साल बाद एयर डेक्कन की पहली फ्लाइट ने भरी उड़ान

नई दिल्ली (पीटीआई)। किफायती हवाई सेवा देने वाली घरेलू एयरलाइंस एयर डेक्कन को फिर पंख लग गए हैं। किंगफिशर में विलय के करीब दस साल के बाद दूसरी पारी में शनिवार को एयरलाइन की पहली फ्लाइट ने उड़ान भरी। मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली फ्लाइट संख्या डीएन 1320 का गंतव्य यहां से करीब 400 किलोमीटर दूर जलगांव में था। इसका उद्घाटन महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने किया।

इस मौके पर एयर डेक्कन के चेयरमैन कैप्टन जी. आर. गोपीनाथ ने कहा, ‘मेरे पास फिर पूरे देश में परिचालन शुरू करने का मौका है। हमारी प्रतिस्पर्धा बड़ी कंपनियों से नहीं है। हम उन क्षेत्रों की ओर जा रहे हैं, जहां जाने की बड़ी एयरलाइनों की कोई योजना नहीं है। यह एक अलग बाजार है।’ पहले चरण में कंपनी ने जलगांव, नासिक और कोल्हापुर को मुंबई और पुणो से जोड़ा है। गोपीनाथ ने बताया कि अपनी रणनीतिक साझीदार एयर ओडिशा के साथ मिलकर कंपनी अगले पांच-छह महीने में 67 हवाई अड्डों के बीच रोजाना 108 उड़ानें संचालित करेगी। इसमें कुल 12 विमानों का बेड़ा होगा। एयर डेक्कन को केंद्र सरकार की उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के तहत पहली बोली में 34 रूटों पर परिचालन की अनुमति मिली थी।

रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना में एक घंटे तक की उड़ान के लिए अधिकतम 2,500 रुपये किराया निर्धारित किया गया है। जलगांव के लिए उड़ान भरने वाली 18 सीटों वाली एयर डेक्कन की फ्लाइट में आधी सीटों का किराया इस स्कीम के तहत 2,250 रुपये और बाकी सीटों का किराया 4,500 रुपये तय किया गया है।

उल्लेखनीय है कि अप्रैल, 2008 में एयर डेक्कन के कारोबार का किंगफिशर एयरलाइंस के साथ विलय हो गया था। उसके कुछ समय बाद ही इसका नाम बदलकर किंगफिशर रेड कर दिया गया था। विलय के समय घरेलू उड्डयन क्षेत्र में यह सबसे बड़ी एयरलाइंस थी। 30 छोटे शहरों समेत 76 गंतव्यों तक इसकी उड़ानें संचालित होती थीं। लंबे अंतराल के बाद कंपनी ने फिर अपने नाम से उड़ान शुरू की है।

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