राजन के दूसरे कार्यकाल को 60 हजार लोगों का समर्थन

करीब साठ हजार लोग चाहते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को अपने पद पर कार्यकाल विस्तार मिले।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Mon, 06 Jun 2016 09:40 PM (IST) Updated:Mon, 06 Jun 2016 10:05 PM (IST)
राजन के दूसरे कार्यकाल को 60 हजार लोगों का समर्थन

चेन्नई, आइएएनएस । करीब साठ हजार लोग चाहते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को अपने पद पर कार्यकाल विस्तार मिले। यह जानकारी एक ऑनलाइन पिटीशन प्लेटफार्म चेंज.ओआरजी ने दी है। आरबीआइ के इतिहास में पहली बार इस सवाल पर पब्लिक पिटीशन चल रही है कि आरबीआइ गवर्नर को कार्यकाल विस्तार मिलना चाहिए या नहीं।

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आम नागरिक राजेश पलारिया की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजी गई पिटीशन को 58,262 लोगों का समर्थन मिल चुका है। पलारिया ने यह कहते हुए मोदी का ध्यान खींचने का प्रयास किया है कि राजन भारतीय अर्थव्यवस्था में संतुलन लाने और उसने स्फूर्ति लाने के लिए बढि़या काम कर रहे हैं। पलारिया ने अपनी पिटीशन में कहा है कि हाल में उन्हें पता चला कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी कैसे राजन के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। इसके बाद उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि राजन को दूसरे कार्यकाल के लिए नियुक्त करने को प्रधानमंत्री से मांग करें। देश के आर्थिक विकास के लिए राजन का अगला कार्यकाल अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राजन के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल होने और उनके प्रति दुर्भावना को वह कतई स्वीकार नहीं कर सकते। इस वजह से उन्होंने पिटीशन शुरू करने का फैसला किया। पलारिया के अनुसार उन्होंने इस तरह की पिटीशन डालने के बारे में पहले कभी नहीं सोचा था। लेकिन राजन के खिलाफ जिस तरह हमला किया गया, उसके बाद उन्होंने आत्मसंतुष्टि के लिए यह कदम उठाया।

और भी पिटीशन

इसी तरह गीता सुब्रमणियन ने भी पब्लिक पिटीशन शुरू की है। उनकी पिटीशन को अभी तक 19 समर्थक मिल चुके हैं। गीता के अनुसार राजन ने ही बैंकों के बकाया कर्ज की बात उठाई। बैंकों ने 2013 से 2015 के दौरान कुल मिलाकर 1.14 लाख करोड़ रुपये के फंसे कर्ज बट्टे खाते में डाल दिए। यह रकम पिछले नौ वर्षो में बट्टे खाते में डाली गई राशि से भी ज्यादा है।

राजन के काम की सराहना

55 समर्थक जुटा चुके एक अन्य याचिका कर्ता दीपक वेंकटेश्वरन ने कहा कि विचार और जानकारी के मामले में राजन समय से काफी आगे हैं। उन्होंने वास्तव में आरबीआइ को दुरुस्त कर दिया है। रुपये की स्थिरता का मामला हो या फिर देश की अर्थव्यवस्था का सवाल, उन्होंने जिस दृढ़ता से फैसले लिये हैं, वह प्रशंसनीय है।

विरोध में भी पिटीशन

पिटीशन सिर्फ राजन के समर्थन में ही नहीं आई हैं। उनके खिलाफ भी पब्लिक पिटीशन पेश की गई हैं। लेकिन इनमें कम समर्थन मिला है। अपनी पिटीशन के लिए 22 लोगों का समर्थन पा चुके अजय पॉल जग्गा का कहना है कि राजन को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलना चाहिए क्योंकि वह अमेरिका का ग्रीन कार्ड धारक हैं। देश के लोग यह सोचने को बाध्य होंगे कि क्या हम देश के भीतर ही इस पद के लिए उपयुक्त भारतीय की तलाश नहीं कर सकते हैं। यह देशभक्तिपूर्ण काम होगा, भारत के किसी स्थाई नागरिक को आरबीआइ गवर्नर बनाया जाए। राजन के खिलाफ एक अन्य पिटीशन शुरू करने वाले लोकेश रस्तोगी ने कहा कि अगर आरबीआइ गवर्नर ने ये कदम नहीं उठाए होते तो देश की विकास दर और अच्छी होती।

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