इस प्राइवेट Bank के कस्‍टमर हैं तो जानिए कैसे बढ़ गई है उसकी साख, RBI ने बढ़ाई जिम्‍मेदारी

RBL (रत्नाकर बैंक लिमिटेड) बैंक के ग्राहकों के लिए अच्‍छी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक फैसले से इस बैंक की साख बढ़ गई है। दरअसल Reserve Bank of India ने उसे बड़ी जिम्‍मेदारी सौंपी है।

By Ashish DeepEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 08:52 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 08:52 AM (IST)
इस प्राइवेट Bank के कस्‍टमर हैं तो जानिए कैसे बढ़ गई है उसकी साख, RBI ने बढ़ाई जिम्‍मेदारी
आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों के बाद RBL Bank को यह मान्‍यता मिली है। (Pti)

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। RBL (रत्नाकर बैंक लिमिटेड) बैंक के ग्राहकों के लिए अच्‍छी खबर है। RBI के एक फैसले से इस बैंक की साख बढ़ गई है। दरअसल Reserve Bank of India ने उसे बड़ी जिम्‍मेदारी सौंपी है। RBL Bank को अब केंद्र और राज्य सरकारों के बैंकिंग लेन-देन के लिए एक एजेंसी बैंक के रूप में काम करने की मान्यता मिल गई है।

एजेंसी बैंक के रूप में List किया गया RBL Bank

RBL बैंक के मुताबिक उसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों के लिए बैंकिंग लेन-देन के लिए एक एजेंसी बैंक के रूप में List किया गया है। केंद्रीय बैंक की मंजूरी मिलने के बाद RBL Bank अब सरकारी व्यवसाय से संबंधित लेन-देन की एक विस्तृत श्रृंखला को संभाल सकेगा।

ये जिम्‍मेदारी संभालने का मिलेगा मौका

बैंक अब सब्सिडी के वितरण(Subsidy transfer), पेंशन भुगतान (Pension Payment), आयकर (Income tax), उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क, GST, स्टांप शुल्क, पंजीकरण, राज्य उत्पाद शुल्क (वैट) और पेशेवर कर (Professional tax) सहित केंद्रीय और राज्य कर एकत्र करने का व्यवसाय करने में सक्षम होगा।

आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों के बाद RBL Bank को मान्‍यता

दरअसल आरबीआई के नए दिशा-निर्देशों के बाद RBL Bank को यह मान्‍यता मिली है। इसमें उसने शेड्यूल्ड निजी क्षेत्र के बैंकों को एजेंसी बैंकों के रूप में सरकार से संबंधित व्यावसायिक लेन-देन करने के लिए अधिकृत कर दिया है। RBL Bank ने कहा कि आरबीआई द्वारा यह मान्यता मिलने से वह सरकारी विभागों और उद्यमों को सर्वश्रेष्ठ तकनीक आधारित मंच और डिजिटल उत्पादों की पेशकश करने का अवसर देगा।

कैसा है NPA

RBL Bank का जून क्‍वार्टर 2020 में NPA 1.4 फीसद था जो उसके अगली तिमाही में 2.6 फीसद हो गया। कारोबारी साल 2021 में यह बढ़कर 4.3 फीसद हो गया। इस दौरान बैंक के खराब कर्ज की स्थिति और बिगड़ी और यह 1.7 फीसद से बढ़कर 11% पर पहुंच गया।

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