वित्तीय सलाहकार चुनने का सही वक्त

अपने देश में दिवाली से बड़ा कोई त्योहार नहीं है। यही वह वक्त होता है जब लोग खर्च करते हैं और अपनी खुशियां पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। जिस देश के लोग खर्च करना जानते हैं वे समझ-बूझ से निवेश करना भी सीख लेते हैं।

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Mon, 16 Nov 2015 11:28 AM (IST) Updated:Mon, 16 Nov 2015 11:35 AM (IST)
वित्तीय सलाहकार चुनने का सही वक्त

अपने देश में दिवाली से बड़ा कोई त्योहार नहीं है। यही वह वक्त होता है जब लोग खर्च करते हैं और अपनी खुशियां पाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। जिस देश के लोग खर्च करना जानते हैं वे समझ-बूझ से निवेश करना भी सीख लेते हैं। अपना देश भी इसी प्रकार का है। हम भी धीरे-धीरे वित्तीय परिपक्वता की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। अब यह केवल बचत करके खर्च करने वालों का देश नहीं रहा है, बल्कि निवेश की संस्कृति भी धीरे-धीरे अपने देश में मजबूती की तरफ बढ़ रही है।

त्योहारों के इस मौसम में आमतौर पर अपने देश में देवी देवताओं का पूजन होता है। देवी लक्ष्मी घर घर में पूजी जाती हैं, ताकि घर परिवार में समृद्धि और खुशियां आएं। भगवान राम की अराधना इसलिए होती है, क्योंकि वे रावण का वध कर अपने घर अयोध्या लौटे थे। इसीलिए घरों में रोशनी की जाती है और पटाखे फोड़े जाते हैं। भगवान राम का पूजन असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। लेकिन इस पूरे युद्ध का एक चरित्र ऐसा भी है जिसके बिना यह संभव भी नहीं था। यह चरित्र है वीर हनुमान का।

राम के चौदह वर्ष के वनवास के आखिरी चरण में हर महत्वपूर्ण कार्य में हनुमान की भूमिका महत्वपूर्ण रही, चाहे वह रावण की लंका जाकर सीता का पता लगाना हो या फिर युद्ध के दौरान लक्ष्मण के लिए हिमालय से जड़ी बूटी लेकर आना, प्रत्येक काम को हनुमान ने बखूबी निभाया। हनुमान ने राम-रावण युद्ध के प्रत्येक अहम क्षण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। आज की दुनिया में वित्तीय सलाहकारों की भूमिका भी हनुमान की भांति ही है। वित्तीय सलाहकार आज के हर निवेशक के लिए हनुमान की भूमिका में हैं। आमतौर पर हमारा नजरिया वित्तीय सलाहकार के लिए केवल इतना ही होता है कि उसे हमारी वित्तीय योजना यानी फाइनेंशियल प्लान तैयार करने का काम सौंपा गया है और वह केवल फॉर्म पर हमारे दस्तखत लेने का काम करता है।


लेकिन यह धारणा गलत है। जिस तरह हनुमान ने भगवान राम की जरूरतों को समझ उनके धर्मयुद्ध की जीत को निश्चित बनाया, उसी तरह वित्तीय सलाहकार भी जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन कर हमारे लिए निवेश की योजना बनाता है। वह आपसे सिर्फ आसान से सवाल पूछता है जिसका जवाब आप अनजाने में भी दे सकते हैं। जिस तरह हनुमान ने राम का अनुसरण करने वाले वानरों की एक पूरी सेना तैयार कर दी, उसी तरह आपका वित्तीय सलाहकार भी आपके लिए निवेश के सभी विकल्प और लंबी अवधि के निवेश के लिए बेहतर रिटर्न के रास्ते तलाशता है।

यह सलाहकार ही आपके सपनों को सच में बदलने के आसान और प्राप्त हो जाने वाले लक्ष्यों में बदलता है, ताकि नियमित अंतराल पर आपको रिटर्न प्राप्त हो सकें। जिस तरह बजरंगबली के प्रयासों से विजय हासिल कर भगवान राम रावण का वध कर सीता को सकुशल लेकर अयोध्या लौटे। उसी तरह आपका वित्तीय सलाहकार भी अपनी कुशलता से आपके लिए वित्तीय प्लानिंग कर आपके लिए देवी लक्ष्मी का आपके घर में वास कराता है। इसलिए प्रत्येक परिवार के लिए एक वित्तीय सलाहकार आवश्यक हो गया है। तो आपने इस त्योहारी मौसम में अपने लिए वित्तीय सलाहकार चुना या नहीं। अब भी समय है। आपको ऐसा कर लेना चाहिए।


विकास एम सचदेव
सीईओ, ईडलवाइज असेट मैनेजमेंट

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