बेहतर प्लानिंग से करें होम लोन को मैनेज

मानव जीवन की तीन बुनियादी जरूरतों में आवास को पूरा करना बेहद कठिन काम है। ज्यादातर लोगों का यही सपना होता है कि वे अपने घर में रहें। इसी सपने को पूरा करने के लिए व्यक्ति बैंक से कर्ज लेता है।

By Babita KashyapEdited By: Publish:Mon, 02 May 2016 03:34 PM (IST) Updated:Mon, 02 May 2016 03:42 PM (IST)
बेहतर प्लानिंग से करें होम लोन को मैनेज

मानव जीवन की तीन बुनियादी जरूरतों में आवास को पूरा करना बेहद कठिन काम है। ज्यादातर लोगों का यही सपना होता है कि वे अपने घर में रहें। इसी सपने को पूरा करने के लिए व्यक्ति बैंक से कर्ज लेता है। यही कर्ज यानी होम लोन व्यक्ति के जीवन की सबसे बड़ी और लंबी देनदारी बनता है। ज्यादातर लोग होम लोन का

जल्द से जल्द भुगतान कर उसकी देनदारी से मुक्त होना चाहते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि आपकी वित्तीय प्लानिंग पूरे योजनाबद्ध तरीके से हुई हो।

हमारी जिंदगी हमेशा एक ढर्रे पर नहीं चलती। इसमें उतार-चढ़ाव आते हैं। अक्सर ऐसे मौके आते हैं जब व्यक्ति के

पास अतिरिक्त फंड आता है। ऐसे वक्त पर हर व्यक्ति की मंशा होती है कि इस धनराशि का इस्तेमाल कर्ज को चुकता करने में खर्च किया जाए। कई बार ऐसी भी स्थिति होती है जब आमदनी के स्रोत सूखने लगते हैं। कर्ज की मासिक किस्त का भुगतान करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में फंड्स की बेहतर प्लानिंग ही

होम लोन से चिंता मुक्त रख सकती है।

आपात स्थिति के लिए प्लानिंग

होम लोन लंबी अवधि की देनदारी है। यह कर्ज लेने की क्षमता का निर्धारण भी करती है। अगर इसके भुगतान में गड़बड़ी होती है तो दूसरी आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले कर्ज लेना मुश्किल हो सकता है। डिफॉल्ट होने पर भविष्य में कर्ज महंगे भी हो सकते हैं। इन परिस्थितियों में आपात स्थिति में कर्ज के भुगतान का इंतजाम पहले ही करके रखना चाहिए। इसके लिए हमारी राय है कि आप कम से कम छह माह की किस्त की राशि फिक्स्ड

डिपॉजिट अथवा अन्य किसी प्रपत्र में निवेशित रखें। ये प्रपत्र ऐसे होने चाहिए जिन्हें आप तुरंत नकदी में परिवर्तित कर सकें। इसके बाद बचने वाली राशि को आप प्री-पेमेंट के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। कई बार कर्ज देने वाले संस्थान ही इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए कर्ज की लिमिट बढ़ाकर ऐसी व्यवस्था करते हैं।

लेकिन आपको अपनी वित्तीय स्थिति के हिसाब से जो श्रेष्ठ हो उस विकल्प का चयन करना चाहिए।

होम लोन का प्री-पेमेंट

अपने होम लोन के बोझ को कम करने का यह सर्वाधिक प्रचलित तरीका है। इससे न केवल आपके ऊपर कर्ज की मूल राशि कम होती है बल्कि समयावधि भी कम हो जाती है। लेकिन ऐसा करने से पहले कुछ और बातों पर भी ध्यान देना चाहिए।

=एक बार प्री-पेमेंट कर देने के बाद आप उस फैसले को पलट नहीं सकते। यानी किसी आपात स्थिति में आपके पास इस धन के इस्तेमाल का विकल्प खत्म हो जाता है।

=प्री-पेमेंट करने के बाद मूल राशि तो कम होती है, उस पर दिए जाने वाले सालाना ब्याज की राशि भी कम हो जा ती है। ऐसे में आपको टैक्स छूट का मिलने वाला लाभ भी कम हो जाता है।

=अगर आपने फिक्स्ड रेट पर लोन लिया है तो प्री-पेमेंट पर आपको शुल्क भी देना पड़ सकता है।

प्री-पेमेंट का फैसला लेने के बाद उपलब्ध विकल्प

उपरोक्त सभी बातों पर विचार करने के बाद यदि आप अपने कर्ज के कुछ हिस्से का समय पूर्व भुगतान करने का फैसला लेते हैं तो आपके पास दो विकल्प बचते हैं।

=आप पहले से निश्चित राशि की मासिक किस्त का भुगतान करते रहें ताकि तय समय से पहले होम लोन खत्म हो जाए।

=आप अपनी मासिक किस्त बचे हुए कर्ज के आधार पर तय करा लें और निश्चित अवधि तक उसका भुगतान करते रहें।

इन दोनों स्थितियों में अगर आपको लगता है कि आपकी दैनिक जरूरतों के लिए आपको अधिक नकदी की आवश्यकता है तो आप अपनी मासिक किस्त की राशि को कम करने का विकल्प चुन सकते हैं। अन्यथा उतनी ही किस्त का भुगतान करके जल्द लोन चुका सकते हैं।

अगर कर्ज देने वाले अन्य बैंकों या वित्तीय संस्थाओं की ब्याज दर आपके लोन से कम है तो आप अपने लोन को उक्त बैंक या वित्तीय संस्थान में ट्रांसफर करने का विकल्प भी चुन सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले आपको नए कर्जदाता की प्रोसेसिंग फीस और स्टांप ड्यूटी पर आने वाले खर्च का आकलन करना होगा।

अनिल कोथुरी

सीईओ, ईडलवाइज हाउसिंग फाइनेंस

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