दो प्रखंडों को जोड़ने वाली सड़क व पुल क्षतिग्रस्त

किसी भी क्षेत्र के विकास का पारामीटर सड़क शिक्षा एवं स्वास्थ्य से नापी जाती है। इसमें किसी भी घटक की कमी हो जाने से विकास का कंसेप्ट ही निरर्थक हो जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 01:31 AM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 06:30 AM (IST)
दो प्रखंडों को जोड़ने वाली सड़क व पुल क्षतिग्रस्त
दो प्रखंडों को जोड़ने वाली सड़क व पुल क्षतिग्रस्त

बेतिया । किसी भी क्षेत्र के विकास का पारामीटर सड़क, शिक्षा एवं स्वास्थ्य से नापी जाती है। इसमें किसी भी घटक की कमी हो जाने से विकास का कंसेप्ट ही निरर्थक हो जाता है। लेकिन जहां सड़क ही जर्जर हो, वहां तो कहना ही क्या है। सड़क विकास को गति देने वाली वह माध्यम है, जो यदि जर्जर हो, तो विकास की गति बुरी तरह प्रभावित हो जाती है। इसी से जुड़ा एक मामला पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र के दो प्रखंड बेतिया व मझौलिया को जोड़ने वाली गोपीखाड़ पुल से जुड़ा है। पुल को जोड़ने वाली सड़क एक तो बदहाल है और दूसरी ओर एप्रोच पथ नहीं बनने के चलते व्यर्थ साबित हो रही है। वहीं, पुल की रेलिग भी टूटी हुई है। इस क्षेत्र के मतदाता इस चुनाव में इसे मुद्दा बनाने के मूड में हैं।

पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र के बेतिया-मझौलिया प्रखंड को जोड़ने वाली गोपीखाड़ पुल बने एक दशक से अधिक हो गया। लेकिन आज भी इस पुल पर पहुंच पथ एक दम खड़ा दिखता है। लोगों को बाइक व वाहनों को चढ़ाने में दिक्कत होती है। इस पुल पर कई बार लोग गिरकर चोटिल भी हुए है। वहीं पुल की रेलिग टूटी हुई है। यह पुल क्षतिग्रस्त अवस्था में है। रात के अंधेरे में उस पुल से आवागमन करने वाले राहगीरों के साथ कभी भी अनहोनी की घटना घट सकती है। तो दूसरी ओर सड़क ही बदहाल है। बेतिया प्रखंड के पिपरा पकड़ी पंचायत के पिपरा चौक से गोनौली पंचायत होते हुए सरिसवा को जाने वाली सड़क पूरी तरह बदहाल है। यह सिगल आरईओ रोड होने के नाते काफी संकीर्ण है। वहीं गोनौली पंचायत के लोग पिपरा बाजार करने हमेशा इसी सड़क का उपयोग करते है। यहां पर छह से सात भट्ठा कार्यरत है। जो इसी सड़क से वाहनों से ईंट ढुलाई करते हैं। पिपरा पकड़ी पंचायत में कई स्कूल, प्राथमिक व उच्च विद्यालय कार्यरत है। इसी सड़क से स्कूली गाड़ियों से बच्चे आते-जाते हैं। इस सड़क के बदहाल होने से पिपरा, रानीपकड़ी, गदियानी, गोलउआ, गोनौली पंचायत, औरेया टोला, मझौलिया प्रखंड के लाखों लोग प्रभावित है। इस सड़क के दोनों किनारों पर नाला निर्माण नहीं होने से पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं है। लोगों के घरों का गंदा पानी सड़क पर गिरता है। जिससे सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। इस सड़क के दोनों तरफ के मकान ऊंचे है। सड़क नीची होने के कारण बरसात के दिनों में सड़कों पर पानी लगता है। सड़कों पर पानी ओवर फ्लो होकर बहता है। कई दिनों तक सड़कों पर जलजमाव बना रहता है। इस सड़क का उच्चीकरण, चौड़ीकरण व आरसीसी नाला का निर्माण नहीं हुआ है। वहीं पिपरा शिव मंदिर से रानी पकड़ी को जोड़ने वाली सड़क खड़ंजा होने के साथ ही पूरी तरह गडढ़े में तब्दील है। बरसात के दिनों में इस सड़क पर आवागमन बंद हो जाता है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पिपरा से गदियानी जाने वाली आरईओ सड़क जर्जर अवस्था में है। यह सड़क 2008 से आरंभ होकर 2009 में पूर्ण हो गई। एक दशक पहले सड़क का निर्माण हुआ था। लेकिन आज यह सड़क जर्जर स्थिति में है। इस सड़क की लंबाई 4.440 किलोमीटर है। इस सड़क के निर्माण की अनुमानित लागत 223.40 लाख रुपये थी। इस सड़क का निर्माण ग्रामीण कार्य प्रमंडल बेतिया बिहार सरकार द्वारा कार्य का निष्पादन किया गया। पिपरा पकड़ी पंचायत के मुखिया छबीला ने बताया कि मैंने सड़क के ऊंचीकरण, चौड़ीकरण व आरसीसी नाला निर्माण के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय को पत्र लिखा। विभाग से पत्र आया। जिसमें मंत्रालय द्वारा जांच कर अविलंब सड़क निर्माण का निर्देश दिया। इसके लिए बीडीओ बसंत कुमार सिंह व पीओ मनरेगा बब्लू कुमार ने जांच की। लेकिन छह माह बीत जाने के बाद भी अभी तक इस सड़क पर कोई काम शुरू नहीं हो सका। ध्रुव नारायण सिंह, जग्रन्नाथ साह व ज्ञानेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि पिपरा चौक से गोनौली पंचायत को जाने वाली सड़क काफी बदहाल है। बरसात के दिनों में इस सड़क पर पैदल आवागमन लगभग बंद रहता है। क्योंकि सड़कों पर पानी लगा रहता है। इसी सड़क से सभी जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी आते-जाते है। लेकिन इस सड़क पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। लालबाबू कुमार, मुक्तिनाथ कुशवाहा व ईशहाक मियां ने बताया कि इस सड़क के क्षतिग्रस्त होने से आए दिन दुर्घटना होती रहती है। अभी हाल के एक माह के अंदर हाइवा ने पैदल जा रहे युवक को ठोकर मार दिया। जिससे उसकी ऑन द स्पॉट मौत हो गई। गोपाल प्रसाद, नुरैन अंसारी, सरपंच अनवारूल अंसारी, रविरंजन प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि पिपरा से गदियानी जाने वाली प्रधानमंत्री ग्राम योजना के तहत सड़क का निर्माण एक दशक ही हुआ। यह सड़क पूरी तरह जर्जर हो गई है। यह सड़क बेतिया को मझौलिया प्रखंड से जोड़ती है। इस चुनाव में हमारे लिए जर्जर सड़क ही प्रमुख मुद्दा है। इसके निर्माण की बात प्रत्याशी करेंगे। उन्हीं को हमलोग वोट देंगे। उपमुखिया सुशीला देवी, वार्ड सदस्य नीलू देवी ने बताया कि सड़क के दोनों किनारों पर नाला का निर्माण बहुत जरूरी है। क्योंकि बरसात के दिनों पानी निकल नहीं पाता जिससे सड़क टूट जाती है। इसलिए सड़क निर्माण से पहले नाला का निर्माण कराना चाहिए। नेता लोग पांच साल तक दर्शन नहीं देते है। वे केवल वोट मांगने आते है। वे लोग क्षेत्र के विकास से रूचि नहीं रखते हैं।

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