नेताजी, सावधान ! फेसबुक और वाट्सएप की हो रही मॉनीटरिग

सोशल साइट को प्रचार का माध्यम बनाने वाले उम्मीदवारों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है। अब आधा दर्जन दंडाधिकारियों को सोशल साइट फेसबुक और वाट्सएप की निगरानी के लिए लगाया गया है। उम्मीदवार या उनके समर्थक फेसबुक और वाट्सएप के जरिए भड़काऊ प्रचार कर मतदाताओं को दिग्भ्रमित करेंगे तो उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 12:39 AM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 12:39 AM (IST)
नेताजी, सावधान ! फेसबुक और वाट्सएप की हो रही मॉनीटरिग
नेताजी, सावधान ! फेसबुक और वाट्सएप की हो रही मॉनीटरिग

बगहा। सोशल साइट को प्रचार का माध्यम बनाने वाले उम्मीदवारों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है। अब आधा दर्जन दंडाधिकारियों को सोशल साइट फेसबुक और वाट्सएप की निगरानी के लिए लगाया गया है। उम्मीदवार या उनके समर्थक फेसबुक और वाट्सएप के जरिए भड़काऊ प्रचार कर मतदाताओं को दिग्भ्रमित करेंगे तो उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया जाएगा। हालांकि, हाल के दिनों में बगहा में फेसबुक व कई वाट्सएप ग्रुप नेताओं के प्रचार में सक्रिय हैं। इसको गंभीरता के साथ लेते हुए प्रशासन ने कार्रवाई की रणनीति तैयार की है। वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र में 12 मई को मतदान होना है। ऐसे में चुनावी रंग तेजी से चढ़ रहा है। अभी जमीनी स्तर पर भले ही प्रचार- प्रसार तेज नहीं है, लेकिन सोशल साइट पर रंग पूरी तरह से चढ़ चुका है। प्रचार व दावे के जरिये चुनावी जंग लड़ी जा रही है। कोई अपने प्रत्याशी द्वारा कराए गए विकास कार्य की बात कर रहा है तो कोई अपने उम्मीदवार के पक्ष में उनके व्यक्तित्व व कृतित्व की बखान। इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चल रहा है। पेज को लाइक व शेयर करने के लिए भी होड़ लगी हुई है। आसानी से एक-दूसरे तक अपनी बात पहुंचाने का यह सरल माध्यम है। इसलिए विभिन्न दलों के प्रत्याशी अपने समर्थकों के माध्यम से सोशल साइट को प्रचार का बेहतर प्लेटफार्म बनाने में जुटे हैं। फेसबुक पेज पर प्रचार भी खर्च में होगा शामिल

सोशल साइट पर दलों की जंग तेज है। इस दिशा में चुनाव आयोग की नजर भी पैनी हो गई है। आयोग का निर्देश आया है कि इस पर नजर रखें और बनाए गए पॉलिटिकल पेज का ब्योरा लें। कितने दलों व समर्थकों के राजनीतिक पेज बनाए गए हैं, इस पर होने वाली गतिविधि, पेज लाइक, शेयर को चुनावी खर्च में जोड़ें। यदि किसी पेज के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता तो उसकी आइडी के आधार पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करें।

-----------------------------------

बयान

चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक पुलिस जिले में कुल आधा दर्जन सेक्टर दंडाधिकारी तैनात हैं। साथ ही सोशल साइट के लिए भी पदाधिकारियों की तैनाती की गई है। जिनके द्वारा फेसबुक व वाट्सएप पर नजर रखी जा रही है।

अरविद कुमार गुप्ता, एसपी, बगहा

chat bot
आपका साथी