जिले के पशुओं का भी होगा अपना यूनिक आइडी

बेतिया। आदमी की तरह अब पशुओं के भी आधार कार्ड बन रहे हैं। उन्हें यूनिक आइडेंटिफिक

By JagranEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 01:40 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 01:40 AM (IST)
जिले के पशुओं का भी होगा अपना यूनिक आइडी
जिले के पशुओं का भी होगा अपना यूनिक आइडी

बेतिया। आदमी की तरह अब पशुओं के भी आधार कार्ड बन रहे हैं। उन्हें यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर जारी किया जा रहा है। पशुओं के कान में टैग लगाया जा रहा है। जिस पर 12 डिजिट का नंबर दर्ज है। प्रत्येक पशु की उसी नंबर से पहचान होगी। आधार कार्ड में पशुओं के टीकाकरण, उम्र, बीमारी, क्रय-विक्रय की भी जानकारी रहेगी। इससे पशुओं की गिनती व उनकी बीमारी के बारे में जानकारी आसनी से मिल जाएगी। जिला पशुपालन पदाधिकारी डा. शकील अहमद ने बताया कि पशुओं के कान में टैग लगाया जा रहा है, जिस पर 12 डिजिट का यूआइडी नंबर दर्ज है। उन्होंने बताया कि जिले में 1लाख 50 हजार पशुओं में बारकोडिग वाला विशेष टैग लगाने का लक्ष्य रख गया है, इसमें अभी तक लगभग 35 हजार 823 पशुओं को विशेष टैग लगा दिया गया है। आइडी नंबर 12 अंकों का है और कान में बारकोडिग वाला एक विशेष टैग भी लगाया जा रहा है। इस प्रक्रिया के माध्यम से एक क्लिक पर पशु और मालिक से जुड़ी तमाम जानकारी इकट्ठा हो रही है । पशु की नस्ल, उम्र, आखिरी प्रजनन और गर्भाधान का समय, दूध की मात्रा, बीमारियां, दी जाने वाली दवाइयां आदि का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही मालिक का नाम, पता आदि भी होगा। कान में बारकोडिग वाला टैग लगाया जा रहा है। अभी तक लगभग 12 हजार टैग लगाया गया है। लॉकडाउन के कारण कार्य प्रभावित हुआ है, लॉकडाउन हटते ही कार्य को तेजी से किया जाएगा।

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दुधारू पशुओं के नस्ल व दूध उत्पादन पर पड़ेगा सकारात्मक असर

इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुओं की नस्ल व दूध उत्पादन को बढ़ाना है। आधार कार्ड बनने से दुधारू पशुओं के संरक्षण के साथ पशुपालकों की जानकारी आसानी से प्राप्त होजाएगी। इस दौरान पशु के कान में छेद कर प्लास्टिक का एक ईयर टैग लगा फोटो खींची जा रही है। इसके बाद एक फार्म में पशु की नस्ल, उम्र, गर्भ धारण व अन्य जानकारी के साथ पशु के मालिक का नाम, उसका मोबाइल नंबर ---------------------------------------------

हेल्थ कार्ड भी हो रहे जारी

पशुपालन विभाग ईयर टैगिग के बाद मवेशियों का हेल्थ कार्ड भी जारी कर रहा है। जिसपर यूनीक नंबर और पशुपालक का नाम दर्ज है। हेल्थ कार्ड पर पशु की उम्र और प्रजनन से लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज की जा रही है। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडो में मवेशियों को ईयर टैगिग के साथ रजिस्टर बना इसमें पशु का पूरा रिकार्ड दर्ज किया गया है। कहा कि गाय-भैंस की गिनती और उनकी बीमारियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में आधार नंबर की अहम भूमिका होगी। इसमें पशु की उम्र और बीमारी से लेकर वैक्सीन लगने की पूरी जानकारी दर्ज की जा रही है।

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