नागरिकता कानून के विरोध में सड़क पर उतरे इस्लामिक संगठन, नारेबाजी

बेतिया। नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय रमना के मैदान में जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Dec 2019 12:46 AM (IST) Updated:Sat, 28 Dec 2019 12:46 AM (IST)
नागरिकता कानून के विरोध में सड़क पर उतरे इस्लामिक संगठन, नारेबाजी
नागरिकता कानून के विरोध में सड़क पर उतरे इस्लामिक संगठन, नारेबाजी

बेतिया। नागरिकता कानून के खिलाफ शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय रमना के मैदान में जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया। देश बचाओ संविधान बचाओ संघर्ष कमेटी के तत्वावधान में आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाकपा माले सहित अन्य राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया। हजारों की संख्या में लोग विभिन्न प्रखंडों से बैनर-पोस्टर लेकर पहुंचे थे। इसे काला कानून बताकर वापस लेने की मांग की। विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता हसन भवावियास ने की। बतौर मुख्य अतिथि अनिसुर्रहमान कासमी रहे। संचालन आमिर रफेत ने किया। अनिसुर्रहमान कासमी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि उक्त कानून देश वासियों के भावना के खिलाफ है तथा भारतीय संविधान के विपरित है। इमारते सरिया पश्चिम चंपारण के काजी नेशार अहमद कासमी ने भारत सरकार को 1948 के नागरिकता कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। बीएमपी के प्रदेश महासचिव विजय कश्यप ने चनपटिया में विरोध प्रदर्शन को मजहबी रंग देने के लिए पुलिस प्रशासन की भ‌र्त्सना की। भीम आर्मी के दीपक राम ने कहा कि देश को तोड़ने वाली लोगों को संवैधानिक पदों तक नहीं पहुंचने देना चाहिए। नागरिकता कानून को साजिश बताते हुए वापस लेने की मांग की। माले नेता वीरेंद्र गुप्ता ने बताया कि मोदी सरकार मुसलमानों के साथ अन्याय कर रही है। संविधान में छेड़छाड़ करने का प्रयास कर रही है। इसका विरोध पार्टी के सभी कार्यकर्ता कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में शामिल होने वालों में राष्ट्रीय मूल निवासी संघ, राष्ट्रीय किसान तथा तमाम मदरसों के मौलवी, छात्र, प्रबुद्ध जन, मस्जिदों के इमाम, शहरेकाजी एवं उलेमा शामिल हुए। जनसभा को ओमप्रकाश क्रांति, अब्दुल करीम, मौलाना नजमुद्दीन कासमी, मुफ्ती नौशाद आलम आदि ने संबोधित किया।

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इसके पूर्व जिले के विभिन्न क्षेत्रों से लोग जुलूस के साथ पहुंचे। केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध किया। वे हाथों में तख्तियां लिए हुए थे। कई लोग तिरंगा के साथ भी थे। विरोध प्रदर्शन में राजनेता, अधिवक्ता, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता भी दिखे। तख्तियों पर धर्म के नाम पर देश को नहीं बांटों, काला कानून वापस लो, हिन्दू-मुस्लिम एकता जिदाबाद, संविधान बचाओं देश बचाओं .. जैसे स्लोगन लिखे हुए थे। विशाल रैली को देखकर कई दुकानदारों ने दुकानें बंद कर दीं।

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