सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का समापन
बगहा। श्रीमद् भागवत कथा वाचन के अंतिम दिन अयोध्या से पधारे आचार्य शिवेंद्र जी महाराज ने भगवान श्रीकृ
बगहा। श्रीमद् भागवत कथा वाचन के अंतिम दिन अयोध्या से पधारे आचार्य शिवेंद्र जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के संपूर्ण जीवनवृत पर चर्चा की और इससे मिली सीख को अपने जीवन में उतारने की नसीहत दी। आचार्य जी ने श्रीकृष्ण और उनके पुत्रों के बीच के एक प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि एक बार श्रीकृष्ण अपने पुत्रों के साथ ही जा रहे थे। इसी बीच एक कुंए में एक गिरगिट देख श्रीकृष्ण के पुत्र रुक गए। बच्चों ने तोतली आवाज में कहा कि कुंए में कोई बड़ा जानवर गिरा पड़ा है। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन होते ही गिरगिट अपने स्वरूप में आ गया और कहा कि मैं राजा हूं और मैंने अपने जीवनकाल में सिर्फ दान किया। लेकिन एक छोटी सी गलती की वजह से आज मेरा स्वरूप बदल गया है। अपने अभिमान में मैंने एक ब्राह्माण का अपमान कर दिया। जिससे मेरी यह दुर्गति हुई। भगवान श्रीकृष्ण ने बच्चों को कहा कि सत्कर्म करना बेहद अच्छी बात है लेकिन अभिमान में चूर होना गलत। आचार्य शिवेंद्र जी महाराज ने श्रोताओं से कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम चंद्र की भांति भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से सीख लेकर हम खुद के जन्म को धन्य बना सकते हैं और मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सच्ची श्रद्धा से किसी भी जीव की सेवा करने वाले कभी दुख नहीं भोगते। कथा वाचन कार्यक्रम के अंतिम दिन सन फ्लावर चिल्ड्रेन एकेडमी परिसर में श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ी।
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सभापति ने किया आचार्य का सम्मान
कथा वाचक आचार्य शिवेंद्र जी महाराज का सम्मान नगर सभापति विजय राम ने शॉल ओढ़ाकर किया। उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए नप सभापति श्री राम ने कहा कि नगर क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन होना अपने आप में सुखद अनुभूति देने वाला है। कथा के आयोजन के लिए नैतिक जागरण मंच के सभी कार्यकर्ता सम्मान के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि नगर परिषद क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधि होने के नाते मेरा यह कर्त्तव्य है कि आचार्य श्री को मैं नगर की ओर से सम्मानित करुं।
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सम्मानित हुए नैतिक जागरण
मंच के सभी सदस्य
श्रीमद भागवत कथा वाचन के अंतिम दिन कथा वाचन कार्यक्रम के संयोजक मंडल सह नैतिक जागरण मंच के सभी सदस्यों को सम्मानित किया गया। इस दौरान नप सभापति श्री राम समेत आचार्य शिवेंद्र जी महाराज ने बारी बारी से मंच सदस्यों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। सम्मानित होने वाले सदस्यों में मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, अरविंद सिंह, श्रीनारायण पाठक, निप्पू कुमार पाठक, नंदलाल प्रसाद, पारसनाथ जायसवाल, राकेश तिवारी, मनीष पटेल, रघुवंशमणि पाठक, हरिकिशुन जी, टूनटून जी, मो. नूर, सुधीर कुमार, धनंजय यादव, धीरज कुमार पांडेय, श्रवण पांडेय, मनोज ठाकुर समेत अन्य शामिल हैं। वन विकास भारती के चिकित्सक डा. पदमभानू सिंह ने मेधा मूल्यांकन परीक्षा में सफल छात्र रमण कुमार तिवारी समेत अन्य को सम्मानित किया।
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