मेडिकल कॉलेज में कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए लगी मशीन

बेतिया। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में अब आंखों के कॉर्निया का ट्रांसप्लांट संभव हो सकेगा। दुर्घटना या अन्य कारणों से रोशनी गंवाने वाले मरीजों के आंखों की रोशनी फिर से प्राप्त हो सकेगी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Sep 2019 11:55 PM (IST) Updated:Thu, 12 Sep 2019 11:55 PM (IST)
मेडिकल कॉलेज में कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए लगी मशीन
मेडिकल कॉलेज में कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए लगी मशीन

बेतिया। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में अब आंखों के कॉर्निया का ट्रांसप्लांट संभव हो सकेगा। दुर्घटना या अन्य कारणों से रोशनी गंवाने वाले मरीजों के आंखों की रोशनी फिर से प्राप्त हो सकेगी। इसके लिए विभागीय कवायद शुरू कर दी गई है। उपकरणों की खेप मेडिकल कॉलेज पहुंच गई है। इसे इंस्टॉल भी किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार 14 सितंबर तक सभी व्यवस्था अपडेट कर ली जाएगी। कारण आई बैंक पर विभाग के साथ-साथ सरकार का भी जोर है। 14 सितंबर तक इसकी रिपोर्ट तलब की गई है। नतीजतन कॉलेज प्रशासन इसे अंतिम रूप देने में जुट गया है। गुरुवार को विभाग की ओर से आए सबंधित तकनीकी जानकारों द्वारा उपकरणों के लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया। एक-एक उपकरण को इंस्टॉल किया जा रहा था। नतीजतन आई बैंक को लेकर लोगों की उम्मीद बढ़ गई है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस माह के अंतिम सप्ताह में इसका संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

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इनसेट

जाने क्या है कॉर्निया

कॉर्निया आंख का काला हिस्सा होता हैं। इसके खराब होने से मरीज को दिखाई नहीं देता हैं। यानी उसकी आंखों की रोशनी चली जाती हैं। चिकित्सकों के अनुसार दुर्घटनाओं के समय अक्सर मरीजों की आंखों की रोशनी चली जाती हैं। नतीजतन, उसे बदल कर दूसरा लगाया जाता हैं। ट्रांसप्लांट होने पर रोशनी पुन: बहाल हो जाती हैं। आई बैंक बनने की घोषणा के साथ ही इस सुविधा के मिलने की उम्मीद बढ़ गई हैं। यहां आई बैंक बनने के बाद दाताओं द्वारा दान किए गए आंख को रखने की सुविधा होगी। जब बैंक में आंख रखी जाएंगी तो निश्चित रूप से उसका ट्रांसप्लांट होगा।

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इनसेट

नेत्रदान के लिए चलाया जाएगा जागरूकता अभियान

नेत्रदान के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए टीम बनाकर लोगों को जागरूक किया जाना हैं। टीम जिले के हर एक को नेत्रदान के लिए प्रेरित करेगी ताकि जरूरतमंदों के जीवन में रोशनी लाया जा सके।

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इनसेट

कैसे करेंगे नेत्र दान

वैसे व्यक्ति जो नेत्रदान करना चाहता है, उसे आई बैंक की ओर से फार्म उपलब्ध कराया जाएगा। व्यक्ति से संबंधित पूरी जानकरी उस फर्मा में भरी जाएगी। उसके बाद आई बैंक में ही नेत्रदान करने वाले उक्त व्यक्ति के आंखों की जांच की जाएगी। सबकुछ ठीक-ठाक होने पर उसका एवं उसके परीजनों की सहमति ली जाएगी। मृत्यु के बाद करीब छह घंटे के अंदर सहमति प्रदान करने वाले दाता के नेत्र को निकाल कर आई बैंक में रखा जाएगा। यहीं आंख जरूरतमंदों को रोशनी प्रदान करेगी।

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इनसेट बयान :

आई बैंक के लिए कवायद तेज कर दी गई है। उपकरणों की खेप पहुंच गई है। इसे इंस्टॉल किया जा रहा है। 14 सितंबर तक इससे संबंधित सभी व्यवस्था अपडेट कर दी जाएगी। इसी माह के अंत तक इसे चालू भी कर दिया जाएगा।

डा. विनोद प्रसाद

प्राचार्य

गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बेतिया

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