गणित में अच्छे अंक पाने के लिए सूत्रों को याद करना अनिवार्य

बेतिया। एमजेके कॉलेज के गणित विषय के प्रो. पीके. चक्रवर्ती ने कहा कि गणित एक ऐसा विषय है जिसमें छात्र शत-प्रतिशत अंक अर्जित कर सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 21 Dec 2019 11:46 PM (IST) Updated:Sun, 22 Dec 2019 06:12 AM (IST)
गणित में अच्छे अंक पाने के लिए सूत्रों को याद करना अनिवार्य
गणित में अच्छे अंक पाने के लिए सूत्रों को याद करना अनिवार्य

बेतिया। एमजेके कॉलेज के गणित विषय के प्रो. पीके. चक्रवर्ती ने कहा कि गणित एक ऐसा विषय है, जिसमें छात्र शत-प्रतिशत अंक अर्जित कर सकते हैं। इसके लिए सूत्रों का सतत अभ्यास जरूरी है। पाठ्यक्रम का एक स्पष्ट अनुमान लगाकर तैयारी करें और विभिन्न अवधारणाओं को स्पष्ट करें। एक बार अवधारणा स्पष्ट हो जाने के बाद प्रश्न हल हो ही जाते हैं। प्रश्नों को स्टेपवाइज हल करें। याद रखें कि यदि उत्तर सही न हो, तो भी स्टेप के अंक मिलेंगे। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के उत्तर सावधानी के साथ दें। मॉडल सेट को नियत समय में हल करना अच्छे अंक अर्जित करने में काफी सहायक हो सकता है। पिछले वर्षो के प्रश्नपत्र भी देख सकते हैं और बीएसईबी की वेबसाइट पर उपलब्ध मॉडल पेपर का भी अध्ययन करें। इससे आपको पेपर पैटर्न, मार्किंग स्कीम, प्रश्नों के जटिलता के स्तर आदि जानकारियां मिलेंगी। सबसे पहले आप उन टॉपिक्स को चुनें, जो आप अच्छी तरह जानते हैं। इन पर आप सरसरी निगाह डालते रहें। अब बाकी टॉपिक्स पर अधिक जोर दें। गणित में बीजगणित, त्रिकोणमिति, ज्यामिति ,संख्या पद्धति, नियामक ज्यामिति, क्षेत्रमिति तथा सांख्यिकी के प्रश्नों का बेहतर ढंग से अभ्यास करें। स्वयं पर विश्वास रखें, धैर्यपूर्वक अभ्यास करते रहें। निश्चित अच्छे अंकों के साथ सफलता मिलेगी।

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22 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय गणित दिवस

राष्ट्रीय गणित दिवस 22 दिसंबर को हर साल महान गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन की याद में मनाया जाता है।राष्ट्रीय गणित दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में गणित के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। देश की युवा पीढ़ी के बीच गणित सीखने के प्रति सकारात्मक ²ष्टिकोण को प्रेरित करने, उत्साहित करने और विकसित करने के लिए कई पहल की जाती रही हैं। इसलिए, इस दिन गणित के शिक्षकों और छात्रों को ट्रेनिग दी जाती है, विभिन्न जगहों पर कैम्प का आयोजन किया जाता है। ताकि गणित से संबंधित क्षेत्रों में टीचिग-लर्निंग मैटेरियल्स के विकास, उत्पादन और प्रसार पर प्रकाश डाला जा सके। श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर 1887 को मद्रास से लगभग 400 किलोमीटर दूर ईरोड नगर में हुआ था। बचपन से ही इनको गणित में रूचि थी। इनकी गिनती उन महान वैज्ञानिकों में की जाती है, जिन्होंने विश्व में नए ज्ञान को पाने और खोजने की पहल की।

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