मरीज की मौत पर मेडिकल कॉलेज में हंगामा, तोड़फोड़

बेतिया। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद शुक्रवार की सुबह मृतक के स्

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 12:27 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 12:27 AM (IST)
मरीज की मौत पर मेडिकल कॉलेज में हंगामा, तोड़फोड़
मरीज की मौत पर मेडिकल कॉलेज में हंगामा, तोड़फोड़

बेतिया। गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद शुक्रवार की सुबह मृतक के स्वजनों व अन्य ने जमकर हंगामा व तोड़फोड़ की। इसके कारण आधे घंटे के लिए अस्पताल के सी ब्लॉक में अफरातफरी मची रही। आक्रोशितों ने मरीज का उपचार समय पर नहीं करने का आरोप लगाकर चिकित्सक व मेडिकल स्टॉफ से हाथापाई भी की। मेल मेडिसिन वार्ड के दरवाजे में लगे शीशे को तोड़ डाला। हंगामा कर रहे युवकों को इस दौरान चोट भी लगी। घटना की सूचना पर एसडीपीओ मुकुल कुमार पांडेय, एएसडीएम अनिल कुमार, नगर थानाध्यक्ष राकेश कुमार भास्कर, कालीबाग ओपी प्रभारी रणधीर कुमार भट्ट व मुफस्सिल थानाध्यक्ष मौके पर पहुंचे। लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया।

बताते हैं सुबह अस्पताल में बसवरिया के धुनियापट्टी निवासी दिलजान मियां (60) की मौत हो गई। स्वजनों ने आरोप लगाया कि मरीज का उपचार समय पर चिकित्सकों ने नहीं किया। जब वे इसकी शिकायत करने गए तो कोई सुनने वाला नहीं था। मृतक के पुत्र मो. चांद ने बताया कि गुरुवार की रात उनके पिता की तबीयत खराब हुई। वे लोग जीएमसीएच लेकर पहुंचे, दवा दी गई। आराम होने पर घर लेकर चले गए। सुबह में अचानक पेट फूलने लगा। तब अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने इलाज नहीं किया। नतीजतन उनकी मौत हो गई। जबकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्वजन मरीज को लेकर रात में ही अस्पताल आए थे। सुबह लेकर चले गए। फिर कुछ घंटे बाद मृत अवस्था में अस्पताल में लाकर हंगामा और तोड़फोड़ करने लगे।

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इनसेट

हंगामा के कारण घंटों ठप रही चिकित्सा व्यवस्था गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में दिलाजन मियां की मौत होने पर जीएमसीएच का सी ब्लॉक रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। जीएनएम पर हुए हमले के कारण सभी वार्डो में कार्यरत स्टाफ ने कुछ देर के लिए कार्य का बहिष्कार किया। इससे मरीज व उनके स्वजनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रमौली की मीना देवी (60) को महिला मेडिसिन वार्ड में चार दिन पहले से भर्ती किया गया है। उनकी पुत्री नीति पांडेय ने बताया कि हंगामे के बाद सभी कर्मी वार्ड छोड़कर चले गए हैं। इंजेक्शन देने वाला भी कोई नहीं है।

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