समय से नहीं मिल रही पर्ची, गन्ना किसानों में आक्रोश

चीनी मिल के द्वारा जेनरल प्रभेद के गन्ने की खरीद में की जा रही देरी को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 09:32 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jan 2020 09:32 PM (IST)
समय से नहीं मिल रही पर्ची, गन्ना किसानों में आक्रोश
समय से नहीं मिल रही पर्ची, गन्ना किसानों में आक्रोश

पश्चिम चंपारण। चीनी मिल के द्वारा जेनरल प्रभेद के गन्ने की खरीद में की जा रही देरी को लेकर किसानों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बुधवार को बगहा एक प्रखंड के मेहुड़ा पंचायत स्थित विश्वंभरापुर गांव में किसान नेता जयेश सिंह की अध्यक्षता में किसानों की बैठक हुई। उक्त बैठक में गन्ने की खरीद और मूल्य भुगतान का मुद्दा छाया रहा। किसानों ने कहा कि बगहा चीनी मिल के द्वारा गन्ने की खरीद सबसे पहले शुरू की गई। लेकिन भुगतान की गति काफी धीमी है। गन्ने की आपूर्ति कर चुके किसान गेहूं की बोआई के लिए कर्ज लेकर खेती करने को मजबूर हैं। इस ओर ना तो मिल प्रबंधन और ना ही स्थानीय प्रशासन का ध्यान है। मूल्य निर्धारण के नाम पर करीब एक महीने देरी से भुगतान शुरू हुआ। जिसका कोई फायदा किसानों को नहीं हुआ। किसान रामजीत ठकुराई, भूषण गिरि, रुदल महतो, रवींद्र कुशवाहा, राजन कुमार, मनोज प्रसाद, शंभू ठकुराई आदि ने कहा कि जेनरल प्रभेद के गन्ने की खरीद के प्रति मिल प्रबंधन काफी उदासीन है। कई लाख क्विंटल गन्ना अभी खेतों में है, लेकिन प्रबंधन किसानों को समय से पर्ची तक उपलब्ध नहीं करा रहा। इस वजह से किसान इस बात को लेकर आशंकित हैं कि कहीं पेराई सत्र की समाप्ति तक उनका गन्ना खेतों में ही न रह जाए। किसानों ने मांग की कि प्रतिदिन जेनरल प्रभेद का कम से कम 50 हजार क्विंटल गन्ने की खरीद चीनी मिल करें। किसान नेता जयेश सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि जेनरल प्रभेद के गन्ने की कुछ वेराइटी के लिए अबतक पर्ची निर्गत नहीं की गई है। किसानों का आरोप है कि सिर्फ चिन्हित लोगों के नाम से ही पर्ची निर्गत हो रही, जबकि निम्न व मध्यमवर्गीय किसान पर्ची के लिए मारे मारे फिर रहे। यदि मिल प्रबंधन अगले कुछ दिनों में व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं करता है तो फिर मजबूरन किसान आंदोलन को बाध्य होंगे और इसकी संपूर्ण जवाबदेही प्रबंधन की होगी। उन्होंने मूल्य भुगतान की गति भी बढ़ाने की मांग की।

chat bot
आपका साथी